शिमला: कोरोना के कारण पूरे प्रदेश में लगे कर्फ्यू का जहां आम जन पर असर देखने को मिल रहा है, वहीं किसानों की उम्मीदों पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है. प्रदेश में मटर की फसल तैयार है और इस बार मटर की काफी पैदावार हुई है. मटर की सप्लाइ प्रदेश से बाहर भी जा रही है. लेकिन उन्हें अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं.
मंडियों में तो मटर 30 रुपए किलो बिक रहे हैं लेकिन किसानों से 10 से 12 रुपए किलो के हिसाब से मटर खरीदे जा रहे हैं, जिससे किसान मायूस हैं. मटर की फसल उगाने वाले किसानों का कहना है कि इस बार मेहनत वसूल नहीं हो पा रही है. मंडियों में तो मटर महंगे दामों में बिक रहे हैं लेकिन उनसे काफी कम दाम में मटर खरीदकर बिचौलिये अपनी जेब भर रहे हैं.
शिमला के जुब्बलहट्टी के किसानों का कहना है कि इस बार मटर की अच्छी फसल हुई है लेकिन दाम काफी कम मिल रहे है. जितनी लागत लगी है वो भी इस बार वसूल नहीं हो पा रही है. शहर में लोगों को 30 रुपए किलो के हिसाब से मटर मिल रही है लेकिन उनसे 10 रुपए में खरीदे जा रहा है. किसानों ने प्रशासन और सरकार से हस्तक्षेप कर मटर के उचित दाम दिलाने की गुहार लगाई है.
बता दें कि पूरे प्रदेश में मटर की फसल तैयार है और इस बार मटर की अच्छी पैदावार हुई है. लॉकडाउन और कर्फ्यू की वजह से बाहरी राज्यों में ज्यादा गाड़ियां नहीं जा पा रही हैं जिसके चलते किसानों को इस बार उचित दाम नहीं मिल पा रहा हैं. हालांकि शहर में मटर महंगे दामों में बेची जा रही है लेकिन किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है.
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