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ठियोग में किसानों ने डेढ़ घंटे तक बंद किया NH-5, राकेश सिंघा ने सरकार को दी ये चेतावनी - ठियोग में CPIM का प्रदर्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए सोमवार को 'भारत बंद' का ऐलान किया. हिमाचल प्रदेश में भी आंदोलन का असर छिटपुट दिखाई दिया. ठियोग में करीब डेढ़ घंटे तक किसान NH-5 पर सड़क पर बैठे रहे. धरना-प्रदर्शन में ठियोग के CPIM विधायक राकेश सिंघा भी मौजूद रहे और उन्होंने जमकर प्रदेश और केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा को आज किसानों और बागवानों की मांगों पर न केंद्र सरकार गौर कर रही है और न ही हिमाचल सरकार.

farmer and cpim protest in theog
ठियोग में किसान और माकपा का धरना

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Published : Sep 27, 2021, 6:12 PM IST

ठियोग:भारत बंद का असर शिमला जिले में भी देखने को मिला. भारत बंद को लेकर शिमला के उपमंडल ठियोग में सुबह से किसान नेता और बागवान जुटने लगे थे, जिसके बाद जहां बाजार पूरी तरह बंद रहा वहीं लोग भी बाजारों में खाली घूमते नजर आए. इस दौरान किसानों और बागवानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए जमकर हमला बोला. इस दौरान किसानों और बागवानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-5 को पूरी तरह जाम कर दिया, जिससे वाहनों की गति थम गई और लोग जाम में परेशानी झेलते रहे. आंदोलनकारी सड़क के बीचों-बीच बैठे रहे. इस दौरान भारी पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया गया और स्पेशल टुकड़ी भी बुलाई गई जिससे किसी भी स्थिति से निपटा जा सके. इस दौरान आपातकाल सेवाओं में जा रही गाड़ियां और मरीज कुछ समय के लिए परेशानी से जूझते हुए नजर आए. इनके साथ ही आर्मी की गाड़ियों के लिए भी रास्ता बहाल रखा गया. मौके पर SDM ठियोग सौरभ जस्सल, DSP ठियोग लखवीर सिंह और महिला पुलिस और भारी पुलिस बल के जवान तैनात रहे. हालांकि इस दौरान स्थिति न बिगड़े इसके लिए शांतिपूर्ण तरीके से किसान नेताओं ने सहयोग किया.

वीडियो.
इस प्रदर्शन में ठियोग के CPIM विधायक राकेश सिंघा भी मौजूद रहे और उन्होंने जमकर प्रदेश और केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा को आज किसानों और बागवानों की मांगों पर न केंद्र सरकार गौर कर रही है और न ही हिमाचल सरकार. उन्होंने कहा कि बागवानों को सेब के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं और मंडियों में मनमानी चल रही है जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है.
ठियोग में किसान और माकपा का धरना-प्रदर्शन.

सरकार से बातचीत के सवाल पर राकेश सिंघा ने कहा कि किसान संगठनों ने कभी भी बातचीत से मना नहीं किया है, लेकिन सरकार को अब पहल करनी होगी जो 13 सूत्रीय मांग पत्र सरकार को भेजा गया है उस पर सरकार बात करे और मांगों को माने. अगर सरकार किसानों की मांगें मानती है तो आगमी आंदोलन को टाला जा सकता है नहीं तो इससे बड़ा आंदोलन होगा, जिसकी जिमेदारी सरकार की होगी.

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