शिमलाः ब्रिटिश हुकूमत के समय की ऐतिहासिक इमारत बैंटनी कैसल (Bantony Castle Shimla) जल्द ही शिमला के नए पर्यटन की पहचान बनने वाली है. देश-विदेश से से शिमला आने वाले पर्यटक पहाड़ों के दीदार के साथ हिमाचल प्रदेश की संस्कृति से भी रूबरू हो सकेंगे. करीब 141 साल पुरानी यह इमारत एंग्लो-गोथिक शैली (Anglo-Gothic Style) का बेहतरीन नमूना है.
बैंटनी कैसल करीब 18 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है. शिमला की इस ऐतिहासिक बैंटनी कैसल (Historic Bantony Castle) में सैलानियों के मनोरंजन के लिए म्यूजियम, पार्क और कैफे बनाया जा रहा है. इसके अलावा लाइट एंड साउंड शो के जरिए सैलानियों को हिमाचल प्रदेश की संस्कृति और विरासत (Himachali Culture and Inheritance) से भी रूबरू करवाया जाएगा. 19 सितंबर, 2017 को बैंटनी कैसल की ऐतिहासिक इमारत में प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी.
शिमला में सीजनल पर्यटकों के अलावा वीकेंड पर रोजाना 15 से 20 हजार सैलानी आते हैं. शिमला के साथ लगते क्षेत्रों में सैलानियों का औसतन स्टे तीन दिन का होता है. आम दिनों में वीकेंड पर इतनी ज्यादा भीड़ हो जाती है कि होटल में रहने और रेस्टोरेंट में खाने तक की जगह नहीं मिलती.
ऐसे में शिमला के बीचोंबीच बने बैंटनी कैसल में सैलानियों के घूमने और खाने-पीने की सुविधा मुहैया हो सकेगी. इसके जरिए पर्यटन निगम सैलानियों के स्टे को बढ़ाने का भी प्रयास करेगा. हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप (Himachal Tourism MD Amit Kashyap) का कहना है कि 31 दिसंबर, 2021 तक बैंटनी कैसल का पुनरूद्धार (Restoration of Bantony Castle) होने की उम्मीद है.