शिमला: कोरोना वायरस को लेकर इस वक्त पूरी दुनिया भयभीत है, लेकिन इस वायरस से ज्यादा वो झूठी अफवाहें जिन्हें कुछ तथाकथित खबरनवीस सोशल मीडिया पर फैला रहे हैं. कोरोना वायरस के फैलने के बाद से सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की बाढ़ सी आ गई है. कई भ्रामक जानकारियां सोशल मीडिया पर तैर रही हैं.
इस समय फेक न्यूज कितनी घातक हो सकती है इस बात को गंभीरता से लेते हुए हिमाचल सरकार ने फेक न्यूज मॉनिटरिंग यूनिट का गठन किया है. मंडी जिला में ही सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाने के आरोप में लगभग 15 लोगों पर एफआईआर हुई है. कांगड़ा के ज्वालामुखी में भी मजे के लिए एक युवक को टिक टॉक पर फेक वीडियो बनाना भारी पड़ गया.
मजे के लिए बनाया ये वीडियो अब युवक के लिए सजा बन गया है. पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है. सोशल मीडिया पर अपलोड हुई कोई भी फेक न्यूज प्रशासन की हवा निकाल सकती है और पूरे किए कराए पर पानी फेर सकती है. इसलिए पुलिस भी लोगों से सोशल मीडिया को खबरों बिना सोचे समझे शेयर नही करने की अपील कर रही है.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली बॉर्डर और मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जमा हुई भीड़ फेक न्यूज का ही नतीजा थी. दोनों ही जगह हजारों मजदूरों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी. कोरोना वायरस से जुड़ी ऐसी ही झूठी जानकारियों, दुष्प्रचार और भ्रामक खबरों को WHO ने डिसइन्फोडेमिक नाम दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार डिसइन्फोडेमिक भी किसी महामारी से कम नहीं है.
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