शिमलाः वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छुट्टियां कर दी गई हैं. ऐसे में अब कोरोना संकट के बीच शैक्षणिक संस्थान कब खुलेंगे, इसके लिए शिक्षा विभाग भी सरकार के आदेशों का ही इंतजार कर रहा है.
विभाग की ओर से एग्जिट प्लान तैयार कर लिया गया है. सरकार के आदेश के आधार पर ही शिक्षा विभाग शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए व्यवस्था को बनाएगा. इस दौरान संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग व निर्देशों का भी ख्याल रखा जाएगा.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से निदेशालय में सभी कर्मचारियों को कार्यालय में बुलाया जा रहा है. तीनों एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्कैनिंग का प्रावधान करने के साथ ही सेनिटाइजर भी हर एक ब्रांच में रखे गए हैं. निदेशालय आने वाले कर्मचारियों के साथ ही अन्य लोगों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही कार्यालय में प्रवेश दिया जा रहा है और बार-बार हाथ सेनिटाइज करने के बारे में भी निर्देश कर्मचारियों को दिए गए हैं.
पहले ग्रीन जोन में खोले जा सकते हैं स्कूल
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को खोले जाने को लेकर एग्जिट प्लान तैयार कर लिया गया है और सरकार के आदेश मिलने के बाद ही शैक्षणिक संस्थानों को खोला जाएगा. शिक्षा निदेशक ने बताया कि प्लान के अनुसार फेज्ड मैनर में पहले ग्रीन जोन के स्कूलों को खोला जा सकता है. साथ ही फेज्ड मैनर में कक्षाएं स्कूलों में बुलाई जाएंगी. जिस में बोर्ड की कक्षाओं को पहली प्राथमिकता दी जाएगी.
कॉलेज खोलने का फैसला सरकार के आदेश पर निर्भर
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि अलग-अलग प्लान विभाग ने तैयार किए हैं और जैसे ही सरकार के निर्देश होंगे प्लान को लागू किया जाएगा. स्कूलों के साथ ही कॉलेजों के खुलने का फैसला भी सरकार के आदेशों पर निर्भर करेगा, लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से शेड्यूल अनुसार अगस्त में रोल ऑन एडमिशन करवाने के साथ ही 1 सितंबर से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत कॉलेजों में की जानी है.
कॉलेज खुलते ही होंगी सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं