शिमला/नाहन:मंडी जहरीली शराब कांड (Mandi poisonous liquor case) के बाद राज्य कर एवं आबकारी विभाग लगातार अवैध स्पिरिट की सप्लाई करने वालों के खिलाफ (Supplying Illegal Spirit in Himachal) कार्रवाई कर रहा है. विभाग के संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी उज्ज्वल राणा ने मंडी स्थित गोवर्धन बॉटलिंग प्लांट में निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं की कड़ियों को जोड़ते हुए और ऑनलाइन डाटा के द्वारा ई-बिलों की जांच करते हुए सिरमौर के काला अंब स्थित एक औद्योगिक परिसर डच फॉर्मुलेशन का निरीक्षण किया.
विभाग के आयुक्त यूनुस ने बताया कि निरीक्षण (Excise Department inspection in kala amb) के दौरान पाया गया कि परिसर में किसी भी प्रकार का कोई उत्पाद तैयार नहीं किया जा रहा था. उक्त इकाई के पास ड्रग अथॉरिटी द्वारा कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है. इस यूनिट ने वर्ष 2020-21 में 8.06 करोड़ रुपये की परचेज ई-बिलों में की है और लगभग 4.77 करोड़ रुपये की बिक्री दिखाई है. दोनों में कुल अंतर 3.39 करोड़ रुपये बनाता है. जिसका कोई भी स्टॉक परिसर में नहीं पाया गया.
उन्होंने कह कि इस कंपनी की एक अन्य फर्म डेनिश लैब अंबाला में भी है. इस फर्म के भी ई वे बिल चेक किए गए. इस दौरान पाया गया कि इस फर्म ने सीएमओ धर्मशाला को हैंड सैनिटाइजर के चार खेप नवंबर व दिसंबर 21 में भेजे हैं. इसी तरह इसी फर्म ने हैंड सैनिटाइजर के 3 खेप राजीव गांधी आयुष मेडिकल कॉलेज पपरोला को भेजे हैं. इन सभी की कीमत 51 लाख रुपये है. इस के अतिरिक्त डच फॉर्मुलेशन काला अंब ने भी हैंड सैनिटाइजर की एक खेप पपरोला कॉलेज को भेजी है.