शिमला:नर्सों का हमारे जीवन में काफी महत्व है. वह गंभीर से गंभीर मरीज की देखभाल करती हैं. उनके योगदानों और बलिदान के जज्बे को सलाम करने के लिए 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रुप में मनाया जाता है. प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में बाल रोग विभाग के तहत ऑन्कोलॉजी वार्ड में सेवाएं दे रही सिस्टर रंजना अपने सेवा भाव के लिए मरीजों और उनके तीमारदारों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं.
अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने सिस्टर रंजना से बातचीत की. आईजीएमसी अस्पताल के ऑन्कोलॉजी वार्ड में कैंसर और ब्लड डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए आते हैं. इस गंभीर बीमारी के कारण बच्चों को कई तरह की तकलीफ झेलनी पड़ती है. इसके साथ ही उनके माता-पिता भी बहुत पीड़ा उठाते हैं.
ऐसे में नर्सिंग स्टाफ का स्नेह पूर्ण व्यवहार ही मरीजों के दर्द पर मरहम का काम करता है. सिस्टर रंजना बच्चों की पीड़ा को अपनी पीड़ा मानती हैं. उन्होंने बताया कि यहां पर प्रदेश भर से बच्चे कैंसर व अन्य रक्त संबंधी बीमारी के इलाज के लिए आते हैं.