हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

कुंभ राशि में 22 फरवरी को अस्त होंगे देव गुरु बृहस्पति

ज्योतिष के अनुसार, जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है या अस्त होता है तो इसका सीधा प्रभाव मनुष्य पर पड़ता है. देव गुरु बृहस्पति 22 फरवरी 2022 को कुंभ राशि में अस्त होंगे और 23 मार्च 2022 तक इसी स्थिति में रहेंगे. गुरु के अस्त होने का प्रभाव वैसे तो सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन 5 राशियां ऐसी हैं, जिनको विशेष लाभ होने वाला है.

etv bharat dharma on Jupiter
देव गुरु बृहस्पति

By

Published : Feb 11, 2022, 1:23 PM IST

नई दिल्ली : देव गुरु बृहस्पति 22 फरवरी को कुंभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं और 23 मार्च 2022 तक इसी अवस्था में रहेंगे. जिस कारण विवाह पर रोक लग जाएगी. 19 फरवरी तक विवाह के मुहूर्त रहेंगे उसके बाद गुरु के उदय होने पर 15 अप्रैल से विवाह मुहूर्त प्रारंभ होंगे. विवाह में गुरु ग्रह को उदय होना आवश्यक माना जाता है. हमारे षोडश संस्कारों में विवाह का बहुत महत्व है. विवाह का दिन और लग्न निश्चित करते समय वर एवं वधु की जन्म पत्रिका अनुसार सूर्य, चंद्र और गुरु की गोचर स्थिति का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है. जिसे त्रिबल शुद्धि कहा जाता है. विवाह के समय सूर्य वर की जन्म राशि से चतुर्थ, अष्टम या द्वादश गोचरवश स्थिति में नहीं होना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि गुरु ग्रह 22 फरवरी दिन गुरुवार को दोपहर 3:48 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त हो जाएंगे और 23 मार्च 2022 को दोपहर 1:26 मिनट पर उदित होंगे. गुरु कन्या की जन्मराशि से चतुर्थ, अष्टम या द्वादश एवं चंद्र वर-वधु दोनों की जन्मराशि से चतुर्थ, अष्टम या द्वादश स्थित में नहीं होना चाहिए. यदि सूर्य, गुरु और चंद्र गोचरवश इन भावों में स्थित होते हैं, तब वे अपूज्य कहलाते हैं. शास्त्रानुसार ऐसी ग्रह स्थिति में विवाह करना निषेध बताया गया है.

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है. यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है, जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है. गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने जाते हैं. ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है.

कब अस्त होंगे गुरु:गुरु ग्रह 22 फरवरी दिन गुरुवार को दोपहर 3:48 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त हो जाएंगे और 23 मार्च 2022 को दोपहर 1:26 मिनट पर उदित होंगे. गुरु के अस्त होने के कारण धार्मिक और मांगलिक कार्य करना इस दौरान वर्जित होगा. गुरु के अस्त होने से लोगों में भौतिकता का विकास होगा. धन और दैहिक सुख के प्रति लोगों में आकर्षण बढ़ेगा. धार्मिक क्रिया कलापों से भी मन कुछ हटा रहेगा. परिवार की सेहत का भी ध्यान रखना होगा.

नहीं होंगे मांगलिक कार्यक्रम: गुरु फरवरी के महीने में अस्त होने जा रहे हैं. ज्योतिष में गुरु ग्रह को संपन्नता, विवाह, वैभव, विवेक, धार्मिक कार्य आदि का कारक माना जाता है. इसलिए इनका अस्त होना शुभ नहीं माना जाता. इसलिए गुरु ग्रह जब अस्त होते हैं, तब शुभ-मांगलिक कार्यों को करने की भी मनाही होती है. इस दौरान शादी, मुंडन, नामकरण जैसे संस्कार नहीं किये जाते. मतलब 22 फरवरी से 23 मार्च तक कोई धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे.

सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव:गुरु के अस्त होने का सबसे प्रतिकूल प्रभाव कर्क, धनु और मीन राशियों पर पड़ सकता है. इसलिए इन राशियों के लोगों को गुरु अस्त के दौरान गुरु ग्रह से संबंधित उपाय करने चाहिए. बाजार पर भी गुरु के अस्त होने का प्रभाव दिखेगा. सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा. इन दिनों शेयर में बहुत ही ज्यादा संभलकर निवेश करने की जरूरत है.

कर्क, धनु और मीन राशि वालों की बढ़ सकतीं हैं मुश्किलें: गुरु अस्त होने से कर्क, मीन और धनु राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस राशि वालों को कोई नया निवेश नहीं करना चाहिए. साथ ही अभी कोई नया व्यापार भी शुरू नहीं करना चाहिए. वरना नुकसान हो सकता है. इस अवधि में नुकसान, शत्रुओं से हानि का सामना करना पड़ सकता है. वहीं किसी विवाद भी हो सकता है. लिहाजा इस समय बेहद संभलकर चलें. किसी बुजुर्ग से आपकी कहासुनी हो सकती है. इसलिए शब्दों की मर्यादा बनाकर चलें, तो बेहतर होगा.

बढ़ सकती है आय: गुरु का अस्त होना यूं तो वैदिक ज्योतिष में शुभ नहीं माना जाता, लेकिन गुरु के कुंभ राशि में अस्त होने के कारण कुछ राशियों को इस दौरान सुखद फल भी प्राप्त हो सकते हैं. गुरु अस्त के दौरान गुरु की शत्रु राशियों वृषभ, तुला के साथ ही बुध ग्रह के स्वामित्व वाली मिथुन और कन्या राशि के जातकों को भी सुखद फल प्राप्त हो सकते हैं. इन राशियों के जातक इस दौरान करियर में आगे बढ़ सकते हैं और पैसा कमाने के नए स्रोत भी इस समय इन राशि के लोगों को मिल सकते हैं. पारिवारिक जीवन में भी अच्छे परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं.

आर्थिक हालात हो सकते हैं खराब: वैश्विक स्तर पर गुरु के अस्त होने का प्रभाव देखने को मिलेगा, गुरु अस्त के दौरान अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इस दौरान शेयर मार्केट में अनिश्चितता की स्थिति रहेगी विदेशी व्यापार में कमी आ सकती है जिससे कई देशों के आर्थिक हालात खराब हो सकते हैं. स्वतंत्र भारत की कुंडली में गुरु एकादश भाव यानी लाभ भाव के स्वामी हैं इसलिए अपने देश के लिए भी गुरु का अस्त होना अच्छा नहीं है. इस समय कुछ विदेशी सौदों से नुकसान हो सकता है इसलिए देश की सरकार को कोई भी निर्णय बहुत सोच समझकर लेना होगा.

करें उपाय: गुरु के प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए गुरु से संबंधित उपाय करने चाहिए. जैसे पीले वस्त्र आपको पहनने चाहिए या पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए. गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए हो सके तो इस दौरान प्रतिदिन आप योग ध्यान करें. इसके साथ ही केले के वृक्ष की पूजा करने से भी आपको लाभ मिल सकते हैं. बड़े फैसले अनुभवी लोगों से विचार करके लें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details