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फर्जी डिग्री मामले पर अब सात माह बाद जागी सरकार, नियामक आयोग को दिए जांच के आदेश - शिक्षा मंत्री ने फर्जी डिग्री मामले में दिया बयान न्यूज

हिमाचल के दो निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री मामले में जो सरकार सात माह तक चुप रही, अब वहीं सरकार मामले के उजागर होने के बाद हरकत में आई है. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस मामले को लेकर नियामक आयोग को जांच के आदेश दिए गए हैं.

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शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज

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Published : Feb 22, 2020, 11:05 PM IST

शिमला: हिमाचल के दो निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री मामले में जो सरकार सात माह तक चुप रही, अब वहीं सरकार मामले के उजागर होने के बाद हरकत में आई है. सरकार कह रही है कि मामले में जांच के आदेश नियामक आयोग को दिए गए हैं.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल में निजी विश्वविद्यालयों को रेगुलेट करने के लिए रेगुलेटरी कमीशन बना हुआ है. उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय पर सरकार का सीधे नियंत्रण नहीं है, इसलिए रेगुलेटरी कमीशन के माध्यम से ही इन्हें कंट्रोल किया जाता है.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने माना कि प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों में लाखों फर्जी डिग्रियां बेची गई हैं. जिससे विभाग को यूजीसी से पत्र भी आया है, इसलिए जांच के लिए रेगुलेटरी कमीशन को भेजा गया है. उन्होंने बताया कि अगर इस मामले में कोई फर्जीवाड़ा हुआ है, तो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कहा कि जो छात्र फर्जी डिग्री लेकर पास हुए हैं, उनका ऐसा करना सहन नहीं किया जाएगा.

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बता दें कि प्रदेश में दो निजी विश्वविद्यालयों पर पैसे लेकर डिग्रियां बेचने के आरोप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रदेश सरकार को 30 अगस्त 2019 को पत्र भेजा था. जिन विश्वविद्यालय में ये फर्जीवाड़ा हुआ है, उसमें से एक निजी विश्वविद्यालय शिमला और दूसरा सोलन में है.

शिक्षा के नाम पर चल रहे फर्जीवाडे़ को लेकर बीते साल निजी विश्वविद्यालयों पर आरोप लगाते हुए यूजीसी को पत्र भेजा था. सोलन के विश्विद्यालय पर सात साल में चार से पांच लाख और शिमला स्थित निजी विश्विद्यालय पर 15 हजार फर्जी डिग्रियां बेचने का आरोप है. एजेंटों के माध्यम से विद्यार्थियों से मोटी रकम वसूल कर उन्हें डिग्रियां दी जा रही हैं.

आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों की वेबसाइट पर जानकारी सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं. जिसके तहत निजी विश्वविद्यालयों को आधिकारिक वेबसाइट पर फीस, सीट, कोर्स और उपलब्ध शिक्षकों आदि की पूरी जानकारी अपलोड करनी पड़ेंगी.

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