शिमला: आर्थिक विशेषज्ञ राजीव सूद ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कोरोना संकट के इस दौर में केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से माइग्रेंट लेबर किसान और निम्न मध्यमवर्ग के लोग किस तरह से लाभ उठा सकेंगे.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी से पैदा हुई स्थितियों से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था. इस पैकेज के दूसरे चरण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया से बातचीत में जिन बिंदुओं पर जानकारी दी उसे लेकर आर्थिक विशेषज्ञ राजीव सूद ने देश और प्रदेश पर उसके प्रभावों की जानकारी दी.
राजीव सूद के अनुसार इस पैकेज के दूसरे चरण में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' का है इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर्स का भी ख्याल रखा गया है, यदि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बात करें तो वह किसान जिन के पास किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा नहीं थी उनको इसका लाभ मिलेगा, ढाई करोड़ और किसान अब इसके दायरे में आ सकेंगे.
इस मद में वित्त मंत्री ने 2 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया है. हिमाचल के संदर्भ में देखें तो कैंपा फंड वाला बिंदु महत्वपूर्ण है. इसका लाभ जनजातीय क्षेत्रों को अधिक मिलेगा. इसके अलावा माइग्रेंट लेबर का भी ख्याल रखा गया है. राजीव सूद का कहना है कि केंद्र सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वास्तविक लाभार्थियों को इन सभी आर्थिक योजनाओं का लाभ मिले.
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