शिमला:देश की एप्पल स्टेट हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन क्षेत्र निरंतर बढ़ रहा है. वर्ष 2018-19 में हिमाचल में 113151 हेक्टेयर क्षेत्र सेब उत्पादन के तहत दर्ज किया गया था. अब यह बढ़कर 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया है. हिमाचल प्रदेश में (Apple production in Himachal Pradesh ) पिछले सीजन में 6.11 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन हुआ था. यदि हिमाचल प्रदेश में तीन साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो वर्ष 2018-19 में 3.68 लाख मीट्रिक टन सेब हुआ था. उस दौरान प्रदेश में 113151 हेक्टेयर क्षेत्र सेब उत्पादन के तहत था. वर्ष 2019-20 में हिमाचल में 114144 हेक्टेयर क्षेत्र में 7.15 लाख मीट्रिक टन सेब पैदा हुआ था. वर्ष 2020-21 में 114646 हेक्टेयर क्षेत्र में 4.81 लाख मीट्रिक टन सेब हुआ था. अब यह आंकड़ा 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया है.
हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन के तहत सबसे अधिक क्षेत्र जिला शिमला में आता है. शिमला में 42 हजार हेक्टेयर में सेब पैदा होता है. अकेला शिमला जिला है जहां सेब उत्पादन डेढ़ से अढ़ाई लाख मीट्रिक टन होता है. हिमाचल प्रदेश में सेब को स्टोर करने के लिए सरकारी सेक्टर में चार सीए स्टोर हैं. वहीं, निजी सेक्टर में 28 सीए स्टोर हैं. सरकारी सेक्टर में सीए स्टोर में 2680 मीट्रिक टन सेब स्टोर किया जा सकता है. वहीं, प्राइवेट सेक्टर में यह क्षमता 81 हजार मीट्रिक टन से अधिक है. बड़ी बात है कि हिमाचल में 15 सीए स्टोर नॉन हिमाचली कारोबारियों के हैं. सबसे बड़ा सीए स्टोर अदानी एग्रीफ्रेश का है. हिमाचल में अडानी एग्री फ्रेश 15 साल से सेब की खरीद कर रहा है. हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में अडानी ग्रुप के तीन सीए (कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर) स्टोर हैं. देश के एप्पल स्टेट हिमाचल में सालाना 2 से 3 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है. सेब का सालाना कारोबार 3500 करोड़ रुपए का है. कुल उत्पादन में से अडानी समूह सालाना 15 से 18 लाख पेटी सेब खरीदता है.
अडानी एग्री फ्रेश सेब की (Apple State Himachal Pradesh) परंपरागत वैरायटी रॉयल को ही खरीदता है. ये अलग बात है कि हिमाचल में रॉयल के अलावा पचास से अधिक विदेशी किस्मों के सेब का उत्पादन किया जा रहा है. अडानी केवल (varieties of apples) रॉयल सेब खरीदता है. इसका कारण ये है कि (Apple production in Himachal Pradesh) रॉयल सेब की शैल्फ लाइफ अधिक है. यानी तोड़ने के बाद ये काफी समय तक खराब नहीं होता. हिमाचल में अडानी एग्री फ्रेश के ऊपरी शिमला में तीन सीए स्टोर हैं. ये सीए स्टोर मेंहदली, बिथल व सैंज में हैं. इन सभी की क्षमता 22 मीट्रिक टन है. ऐसे में अडानी कुल 22 मीट्रिक टन सेब ही खरीदता है. अडानी ग्रुप किलो के हिसाब से सेब खरीदता है, जो बागवानों के लिए ये फायदे का सौदा साबित हो रहा है. हिमाचल में वर्ष 2006 से अडानी ग्रुप लगातार सेब खरीद रहा है.
हिमाचल में सेब उत्पादन का इतिहास 100 साल से भी अधिक का हो गया है. छोटे पहाड़ी प्रदेश को सेब उत्पादन ने समृद्धि भी दी है. सेब उत्पादन के आकर्षण में वीवीआईपी भी शामिल हैं. हिमाचल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से लेकर कई मंत्रियों, नेताओं, अफसरों और बड़े डॉक्टर्स के नाम सेब बागीचे हैं. यहां के वीवीआईपी सेब बागवानों में पूर्व सीएम व कांग्रेस के दिग्गज राजनेता रहे स्व. वीरभद्र सिंह का नाम भी शामिल है. पूर्व मंत्री विद्या स्टोक्स के परिवार का नाम तो सेब उत्पादन के साथ सुनहरे अक्षरों में है.