शिमला: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को साल 2022-23 का आम बजट पेश किया है. इस दौरान उन्होंने इस बजट को विकास को प्रोत्साहन देने वाला बताया है. वहीं, हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले आर्थिक मामलों के जानकार राजीव सूद (ECONOMIC AFFAIRS EXPERT RAJIV SOOD) ने इसे ग्रोथ ओरिएंटेड बजट बताया है. उन्होंने कहा कि इस बजट में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई चेंज नहीं हुआ है. बजट के माध्यम से एक रोडमैप बनाने की तैयारी की गई है. ट्रांसपोर्ट माध्यमों को भी विस्तार दिया गया है.
डिजिटल करेंसी की ओर जा रहा फ्यूचर-राजीव सूद ने कहा कि इस बजट से अगले 25 साल को ध्यान में रखकर इंडियन डिजिटल करेंसी निकालने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारा फ्यूचर डिजिटल करंसी की ओर जा रहा है. हालांकि इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि डिजिटल करंसी का अभी आम लोगों के जीवन पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. इसे अभी फर्स्ट स्टेप टू मून के रूप में देखा जा सकता है.
टूरिज्म और ट्रेड्स को नहीं दिया गया प्रोत्साहन- उन्होंने कहा कि डिजिटल करंसी का इतना अधिक फर्क नहीं पड़ेगा. आज के दौर में अधिकांश लोग नेट बैंकिंग से भी कतराते हैं. टूरिज्म और ट्रेड को इस बजट से कोई खास प्रोत्साहन नहीं मिला है. कोरोना संक्रमण के कारण टूरिज्म खासा प्रभावित हुआ है, लेकिन इसको प्रोत्साहन नहीं दिया गया. अगर टूरिज्म या होटल इंडस्ट्री को कुछ प्रोत्साहन मिलता तो हिमाचल को भी इसका लाभ मिल सकता था.
रेलवे की ओर नहीं दिया गया ध्यान- कोरोना काल में प्रदेश की आर्थिकी खासकर टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट और ट्रेडिंग खासा प्रभावित हुए हैं. हिमाचल की दृष्टि से बजट को खासा प्रभावित नहीं रहा. यहां केवल रोड ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन प्रदेश में रेलवे की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है. इससे खासी निराशा हुई है. बजट में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम में 14 प्रतिशत अनुदान की बात राज्य कर्मचारियों को जरूर प्रोत्साहित करेगी.
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