शिमला:अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (All India National Educational Federation) के राष्ट्रीय सचिव और हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ (Himachal Pradesh Teachers Federation) के प्रांत उपाध्यक्ष डॉक्टर मामराज पुंडीर (Dr Mamraj Pundir) ने कहा कि कोविड जैसी महामारी से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को ध्वस्त होने के बावजूद प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों को 7500 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ (Financial Benefits of himachal workers) देकर प्रदेश सरकार ने इतिहास रच दिया है.
डॉ. मामराज पुंडीर (Dr Mamraj Pundir) ने कहा कि 1 जनवरी 2016 से पंजाब सरकार द्वारा दिए छठे वेतन आयोग (6th pay commission in himachal ) को प्रदेश में 1 जनवरी 2022 से लागू करना, अनुबंध कार्यकाल 3 वर्ष से घटा कर 2 वर्ष करने, केंद्र की 2009 की न्यू पेंशन योजना के अंतर्गत अपंगता व पारिवारिक पेंशन को लागू करना, दैनिक वेतनभोगियों का एक वर्ष का कार्यकाल कम करना, चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए 10 करोड़ की राशि जारी, एनपीएस कर्मचारी की पेंशन निधि चुनने की स्वतंत्रता और भी कई लाभ प्रदेश के कर्मचारियों को देने की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घोषणाएं (JCC Announcements of CM JaiRam) की है. कर्मचारियों व पेंशनरों को इस सौगात के लिए प्रदेश कार्यकारिणी सहित सभी जिलों के पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया है.
उन्होंने कहा कि हालांकि बहुत सी मांगों पर कमेटी गठन करने की घोषणा की गई है. कुछ अन्य मांगों पर विभागीय स्तर पर कार्य जारी है जिसका निपटारा शीघ्र किया जायेगा. राजधानी भत्ता, सीए, एचआरए पर नए वेतनमान लागू होने पर निर्णय लिया जायेगा, इसके लिए अभी इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कर्मचारी हितैषी हैं उन्होंने कहा है कि सत्ता परिवर्तन पर कर्मचारियों को स्थान्तरण कर प्रताड़ित किया जाता रहा है लेकिन वर्तमान सरकार ने किसी भी कर्मचारी नेता को प्रताड़ित नहीं किया.
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ (Himachal Pradesh Teachers Federation) के प्रांत उपाध्यक्ष डॉ. मामराज पुंडीर ने कहा कि पिछली सरकार के गुण गान करने वाले कुछ साम्यवादी संगठन आज प्रदेश के कर्मचारियों को दिए फायदा को पचा नहीं पा रहे हैं. पिछली सरकार में न कोई कोरोना था, फिर पांच वर्ष में एक जेसीसी और उसमें भी मुख्यमंत्री द्वारा छोड़ कर चले जाना, फिर एक 2 प्रतिशत डीए की घोषणा दे कर अपना पला झाड़ कर कर्मचारी हितैषी बनने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले 15 वर्षों से विद्यालयों में काम करने वाले पीटीए, पैरा, पेट अध्यापकों को क्यों नियमित नहीं किया गया था, क्या जयराम सरकार को पानी पीकर कोसने वाले साम्यवादी लोग जबाब देंगे. दर-दर की ठोकरें खाने वाले अध्यापक साथियों को मुख्य धारा में लाने का काम जय राम सरकार ने किया है.
ये भी पढ़ें :हिमाचल भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा को मिली पंजाब संगठन मंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी