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रामपुर में कार्यरत डॉ. अनिल शर्मा महाराष्ट्र के नागपुर में पढ़ेंगे शोध पत्र, रेबीज पर आधारित है रिसर्च - निल शर्मा महाराष्ट्र के नागपुर में पढ़ेंगे शोध पत्र

रामपुर में कार्यरत डॉ. अनिल शर्मा महाराष्ट्र के नागपुर में शोध पत्र पढ़ने जा रहे हैं. डॉ. अनिल यहां पर हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेंगे. डॉ. अनिल शर्मा का कहना है कि उन्होंने ऐसे कुत्तों को रेबीज के इजेंक्शन लगाए हैं जो रेबीज (dr. Anil Sharma research on rabies) से पीड़ित थे. इंजेक्शन लगाने के बाद उनके टेस्ट लैब से किए गए, जिसके परिणाम अनुकूल साबित हुए हैं.

Anil Sharma working in Rampur will read research paper in Nagpur
डॉ. अनिल शर्मा महाराष्ट्र के नागपुर में पढ़ेंगे शोध पत्र.

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Published : Mar 24, 2022, 7:52 PM IST

रामपुर: रेबीज की रोकथाम के लिए रामपुर में कार्यरत डॉ. अनिल शर्मा महाराष्ट्र के नागपुर में शोध पत्र पढ़ने जा रहे हैं. डॉ. अनिल यहां पर हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेंगे. अनिल शर्मा ने रेबीज के ऊपर अपना शोध (dr. Anil Sharma research on rabies) किया है. उनका कहना है कि रेबीज की बीमारी को समाप्त करने के लिए सबसे पहले रेबीज के लक्षणों को रोकना होगा. यानी जो कुत्ता रेबीज को फैला रहा है, उसे इंजेक्शन लगने चाहिए. ताकि वह आगे रेबीज को न फैलाए.

फिलहाल जो कुत्ता रेबीज फैला रहा है, उसके लिए सरकार की तरफ से गाइडलाइन है कि जिसे भी उक्त कुत्ता काटता है तो उसे तय इंजेक्शन लगने चाहिए, लेकिन जो कुत्ता खुद रेबीज फैला रहा है या फिर वह किसी अन्य पशु को काटता है तो उसे इंजेक्शन लगाने की प्रक्रिया नहीं है. इसी पर अनिल शर्मा का शोध आधारित है. डॉ. अनिल शर्मा का कहना है कि उन्होंने ऐसे कुत्तों को रेबीज के इजेंक्शन लगाए हैं जो रेबीज से पीड़ित थे. इंजेक्शन लगाने के बाद उनके टेस्ट लैब से किए गए, जिसके परिणाम अनुकूल साबित (Anil Sharma will read research paper in Nagpur) हुए हैं.

डॉ. अनिल शर्मा महाराष्ट्र के नागपुर में पढ़ेंगे शोध पत्र.

अनिल शर्मा ने कहा कि उनका शोध पूरी तरह से रेबीज बीमारी को रोकने पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि नागपुर में राष्ट्रीय स्तर की वर्कशॉप केवल मात्र रेबीज को कंट्रोल करने व उनकी रोकथाम पर केंद्रित है. इस वर्कशॉप में जहां डब्लयूएचओ एसईएआरओ सहित मिनिस्ट्री ऑफ ऐनिमल हेल्थ एंड वेटनरी सर्विस सहित अधिकारी मौजूद रहेंगे. जो इन शोध को सुनेंगे और उन्हें अगर ये शोध सार्थक लगता है तो निश्चित तौर से ये रेबीज की रोकथाम के लिए मील का पत्थर साबित होगा. पशुपालन विभाग से जुड़े डॉक्टरों व अन्य अधिकारियों ने डॉ. अनिल शर्मा को शुभकामनाएं दी हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अनिल शर्मा इस वर्कशॉप में पूरे तथ्यों के साथ अपने शोध को रखें, ताकि पूरे देश में हिमाचल का नाम रोशन हो सके.

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