शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक तरीके से उगाए जा रहे सभी प्रकार के खाद्यानों, डेयरी उत्पादों, मीट उत्पादों और औषधीय पौधों को बढ़ावा देकर उन्हें बाजार मुहैया करवाने और उनके विपणन के लिए एक एकीकृत सतत खाद्य प्रणाली बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत तैयार की जा रही सतत खाद्य प्रणाली को लेकर वीरवार को राज्य सचिवालय में कृषि सचिव डॉ. अजय शर्मा की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई.
बैठक में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जीआईजेड और केएफडब्ल्यू डेवलपमेंट बैंक के अधिकारियों से इस नई खाद्य प्रणाली को तैयार करने की तैयारियों और भविष्य में किए जाने वाले कार्यों के बारे में चर्चा की गई. बैठक के दौरान कृषि सचिव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कृषि, बागवानी, वन, पशुपालन, आर्युवेदा, मार्केटिंग बोर्ड और मिल्कफेड विभागों के साथ मिलकर एक ऐसी खाद्य प्रणाली को विकसित करने का काम किया जा रहा है. जिसमें सभी तरह के खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस खाद्य प्रणाली में प्राकृतिक तरीके से पैदा किए जा रहे उत्पादों की पहचान कर उनके लिए उपयुक्त बाजार की तलाश की जाएगी. इसके बाद इन सभी तरह के उत्पादों के विपणन का प्रबंध किया जाएगा. साथ ही इस प्रणाली में उत्पाद से जुड़े किसान और उत्पादकों को उचित मूल्य उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि वे इससे जुडे़ रहें.
बैठक के दौरान जीआईजेड इंडिया के नेशनल रिसोर्स मैनेजमेंट और एग्रोइकोलॉजी के निदेशक राजीव अहल ने हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के सफलतापूर्वक संचालन पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत न सिर्फ किसानों का लाभ हो रहा है बल्कि इससे पर्यावरण, कृषि पारिस्थितिकी और जल और ऊर्जा संरक्षण भी हो रहा है.
इसके अलावा केएफडब्ल्यू डेवलपमेंट बैंक की सीनियर सेक्टर स्पेशलिस्ट संगीता अग्रवाल ने हिमाचल प्रदेश में इस नई खाद्य प्रणाली के गठन में सहयोग करने का भरोसा दिलाया. उन्होंने आगे मिलकर काम करने की बात कही. संगीता अग्रवाल ने सुझाया कि किस तरह से इस प्रणाली को तैयार किया जाएगा और इससे कैसे किसानों और इससे जुड़े लोगों को लाभ मिलेगा.
बैठक के दौरान प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने योजना के तहत किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों पर एक प्रस्तुति दी. बैठक में कृषि निदेशक डॉ. आरके परूथी, योजना सलाहकार डॉ. वासू सूद, एमडी मार्केटिंग बोर्ड नरेश ठाकुर, प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल, उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक हेमचंद शर्मा, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. एमके बत्ता और मिल्कफेड के एमडी भूपिंदर अत्री भी मौजूद रहे.
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