शिमला:हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) इस समय दिल्ली दौरे पर हैं. विगत डेढ़ साल से जब-जब भी मुख्यमंत्री अचानक से दिल्ली दौरे पर गए हैं. तब-तब यह बात जोर-शोर से उठता है कि हिमाचल में नेतृत्व परिवर्तन होगा. अकसर राजनीतिक गलियारों में तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विकल्प के तौर पर कभी अनुराग ठाकुर, कभी जेपी नड्डा तो कभी ढंके-छिपे शब्दों में इंदु गोस्वामी तक का नाम ले लिया जाता है.
हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मुख मुद्रा और देह मुद्रा यानी बॉडी लेंग्वेज आत्मविश्वास से भरपूर दिखती रही है, लेकिन यह राजनीतिक अफवाहें न केवल विपक्ष बल्कि सत्ताधारी दल के विरोधी गुटों का भी शगल रहता है. दिल्ली में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तंज कसा और कहा कि विपक्ष उनके दौरों को इतनी गहनता से परखता है यह जानकर अच्छा लगा. वैसे तथ्य यह है कि मौजूदा मीटिंग संगठन की गतिविधियों और बाई इलेक्शन की चर्चा को लेकर है. इससे पूर्व जब सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Central University) के मुद्दे पर अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री में सार्वजनिक बयानबाजी हो गई थी तब भी लोगों ने हिमाचल में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं करना शुरू कर दी थी.
यदि हिमाचल में भाजपा की नई पीढ़ी की राजनीति देखी जाए तो 2017 में विधानसभा चुनाव से पूर्व तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने स्पष्ट किया था कि जीतने पर जयराम ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. ऐसी ही घोषणा अनुराग ठाकुर के लिए भी की गई थी. भाजपा हाईकमान ने दोनों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी हैं. यदि प्रदेश में भाजपा की स्थिति की बात की जाए तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए किसी भी राजनेता से कोई स्पष्ट चुनौती नहीं है.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (Former Chief Minister Prem Kumar Dhumal) खुद को इस राजनीतिक दौड़ से काफी पहले अलग कर चुके हैं. अन्य नेताओं में सुरेश भारद्वाज, राजीव बिंदल और महेंद्र सिंह ठाकुर अलग-अलग कारणों से अपनी मौजूदा परिस्थितियों में बंधे हुए हैं. ऐसे में हिमाचल से तो जयराम ठाकुर के लिए कोई चुनौती नहीं है. इससे पूर्व भी कई बार नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहें उठने पर अनुराग ठाकुर और जेपी नड्डा का नाम ही सामने आता रहा है.