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हिमाचल में आज धनतेरस का पर्व, बर्तनों सहित होगी सोना-चांदी की खरीदारी - धनतेरस का पर्व

शिमला के बाजार धनतेरस के पर्व के लिए सज चुके हैं. वहीं, सर्राफा बाजार में भी इस खास दिन के लिए सोने और चांदी की अलग-अलग किस्म की वस्तुएं मौजूद हैं. बाजार में छोटे से लेकर बड़े सिक्के सोने और चांदी में उपलब्ध है. वहीं, भगवान गणेश, महालक्ष्मी, कुबेर के साथ ही राधाकृष्ण सहित अन्य कई सोने चांदी की मूर्तियां आभूषणों की दुकानों पर उपलब्ध हैं.

Dhanteras festival in himachal
Dhanteras festival in himachal

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Published : Nov 12, 2020, 9:29 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 11:50 AM IST

शिमलाःधनतेरस के पर्व के लिए शिमला के बाजार पूरी तरह से तैयार हैं. आज धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है. गुरुवार रात साढ़े 9 से त्रयोदशी शुरू होगी जो शुक्रवार शाम 6 बजे तक रहेगी. शुभ तिथि में और शुभ मुहूर्त में लोग धनतेरस को लेकर किसी भी तरह की खरीदारी बाजारों में जाकर कर सकते हैं.

धनतेरस पर बर्तनों की खरीदारी के साथ ही सोने और चांदी की भी खरीदारी की जाती है. इस दिन खरीदी गई वस्तु को शुभ फल देने वाला माना जाता है. कहा जाता है कि धनतेरस पर जो खरीदारी की जाती है उसका फल सालभर मिलता है. यही वजह है कि प्रदेश में भी इस दिन लोग जमकर खरीदारी करते हैं. लोग बाजारों में पहुंचकर बर्तनों की खरीदारी करने के साथ ही सोने-चांदी के आभूषणों और सिक्कों की खरीदारी करते हैं.

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शिमला में जहां बाजार पूरी तरह से धनतेरस के लिए सज चुका है तो वहीं सर्राफा बाजार में भी इस खास दिन के लिए सोने और चांदी की अलग-अलग किस्म की वस्तुएं मौजूद हैं. बाजार में छोटे से लेकर बड़े सिक्के सोने और चांदी में उपलब्ध है. वहीं, भगवान गणेश, महालक्ष्मी, कुबेर के साथ ही राधाकृष्ण सहित अन्य कई सोने चांदी की मूर्तियां आभूषणों की दुकानों पर उपलब्ध हैं.

इसके साथ ही चांदी का लोटा, गिलास, थाली, प्लेट यहां तक कि डिनर सेट भी आभूषणों की दुकानों पर धनतेरस के खास पर्व के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. धनतेरस पर लोग अपनी क्षमता के अनुसार खरीदारी करते हैं. जो लोग सोने चांदी के आभूषणों की खरीदारी नहीं करना चाहते हैं या नहीं कर सकते हैं. वह लोग कांस्य और तांबे के बर्तनों की खरीदारी करते हैं. इस दिन पर जो भी वस्तु खरीदी जाती है, उसकी पूजा भी की जाती है जिससे कि घर में बरकत आए और धनकुबेर अपनी कृपा इसी तरह से बरसाते रहें.

पंडित वासुदेव शर्मा ने बताया कि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस बार धनतेरस शुक्रवार को आ है और त्रयोदशी तिथि ही शुक्रवार को पड़ रही है जिसकी वजह से दिवाली से एक दिन पहले ही धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा और धनतेरस की खरीदारी की जाएगी. हालांकि कुछ लोगों में धनतेरस को लेकर असमंजस की स्थिति इस बार बनी हुई है और यही वजह रही कि कुछ लोगों ने आज ही धनतेरस की खरीदारी कर ली है, लेकिन गुरुवार रात साढ़े 9 से सुरक्षित ही शुरू हो रही है.

इस बार नहीं है भद्रा

इस बार धनतेरस पर भद्रा का किसी भी तरह का कोई प्रभाव नहीं है. यही वजह है कि लोग बेफिक्र होकर पूरा दिन भर खरीदारी कर सकते हैं और अपनी पसंद की कोई भी चीज इस शुभ दिन पर खरीद सकते हैं. अगर धनतेरस पर भद्रा का पहरा हो तो उसके बीच खरीदारी करना शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन इस बार इस तरह की कोई भी भद्रा धनतेरस पर नहीं आ रही है जिसकी वजह से लोग पूरा दिन भर खरीदारी कर सकते हैं.

यह है धनतेरस की मान्यता

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्मदिवस भी माना जाता है. इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरी उत्पन्न हुए थे. उत्पन्न होने के समय उनके हाथ में एक अमृतकलश था, जिसके चलते धनतेरस पर बर्तन खरीदने का भी रिवाज बढ़ा. इस दिन खरीदारी करने से 13 गुना वृद्धि होती है. इस दिन मां लक्ष्मी, गणेश भगवान, धनवंतरी के साथ ही कुबेर की पूजा का खास महत्व है. इस दिन किसी भी तरह की जो वस्तु खरीदी जाती है उससे पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

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Last Updated : Nov 13, 2020, 11:50 AM IST

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