शिमला: राजस्थान की तर्ज पर हिमाचल में भी आईपीसी की धारा 420 में संशोधन की दरकरार है. राजस्थान ने इसे गैर जमानती अपराध बनाया है, जबकि हिमाचल समेत देश में अन्य राज्यों में गैर जमानती नहीं किया गया है. राज्य सरकार के माध्यम से केद्र सरकार से आईपीसी की धारा 420 में संशोधन (amendment in Section 420 of IPC in Himachal) किए जाने की पुलिस महकमा सिफारिश करेगा. यह बात हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू (Himachal DGP Sanjay Kundu) ने सोमवार को राजधानी शिमला में मीडिया से रूबरू होने दौरान कही. उन्होंने कहा कि वह राजस्थान के कानून का अध्ययन करेंगे.
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय में जब आईपीसी की धारा 420 बनी थी, तब उसकी गंभीरता के बारे में नहीं सोचा गया था. आज पेपर लीके जैसा मामला संगठित अपराध बन गया है. हिमाचल में जिन आरोपितों की संलिप्ता रही है, उन्होंने देश में कई पेपर लीक किए हैं. डीजीपी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार से ये आग्राह भी किया जाएगा कि परीक्षाओं के पेपर छपवाने के लिए नया तंत्र विकसित किया जाए और पेपर सरकारी प्रेस में प्रिंट करवाए जाएं. क्योंकि पेपर लीक माफिया ने प्रिंटिंग प्रेस तक अपना जाल बिछाया हुआ है.
पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में 6 टीमें गठित: डीजीपी ने कहा कि पेपर लीक केस की जांच को एसआईटी की 6 अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं. इनमें एक इन्वेस्टीगेशन टीम का काम कर रही है. इसके साथ ही दूसरी टीम दस्तावेज की पड़ताल में जुटी है. तीसरी टीम प्रदेश सहित बाहरी राज्यों में दबिश देकर आरोपियों की धरपकड़ में लगी है. चौथी टीम साइबर इंवेस्टीगेशन के माध्यम से केस की तह खंगाल रही है. इसके साथ ही 5वीं टीम पूछताछ तो छठी टीम वित्तीय जांच से जुड़े पहलुओं को खंगालने में जुटी हुई है.