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फर्जी डिग्री मामला: MBU की 36 हजार डिग्रियां फर्जी, देश के 17 राज्यों तक फैला है जाल

फर्जी डिग्री मामले में हिमाचल प्रदेश डीजीपी संजय कुंडू ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में जांच टीमों ने बहतरीन काम किया है. जांच में अब तक पाया गया है कि एमबीयू (मानव भारती यूनिवर्सिटी) ने देश भर में 36000 फर्जी डिग्रियां बेची. इसके अलावा ईडी ने मामले में 194 करोड़ की संपत्ति भी अटैच की है.

fake degree case himachal
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Published : Jan 30, 2021, 4:48 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित फर्जी डिग्री मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. हिमाचल प्रदेश डीजीपी संजय कुंडी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी कि जांच में अब तक मानव भारती यूनिवर्सिटी की 41 हजार में से 36 हजार डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं.

डीजीपी ने बताया कि सोलन जिले में 2009 में स्थापित हुई मानव भारती यूनिवर्सिटी ने 11 सालों के भीतर करीब 440 करोड़ की संपत्ति खड़ी की. इस यूनिवर्सिटी ने देश भर के 17 राज्यों में 36,000 फर्जी डिग्रियां बेची और पांच हजार डिग्रियां बोनाफाइट हिमाचली हैं.

डीजीपी ने कहा कि फर्जी डिग्री मामला सीआईडी के पास सितंबर 2020 में आया था. तब से लेकर सीआईडी ने अब तक 17 राज्यों में जांच की है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एसआईटी ने जांच की, जो अब भी जारी है.

वीडियो रिपोर्ट.

मानव भारती यूनिवर्सिटी की 36,000 डिग्रियां फर्जी

डीजीपी ने कहा कि जांच में अब तक 17 राज्यों में 36,000 फर्जी डिग्री बेचे जाने का पता लगा है. उन्होंने कहा कि जांच में जो 55 हार्ड डिस्क मिली थी, उसमें 41,000 डिग्री की जानकारी थी. जिसमें 5,000 बोनाफाइट हिमाचली हैं, जबकि 36,000 अन्य फर्जी होने की जानकारी मिली है.

डीजीपी ने कहा कि ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों से भी फर्जी डिग्री के तार जुड़े हैं. डीजीपी ने कहा कि सीआईडी को अब तक 100 फर्जी डिग्री मिली हैं, जिसमें 75 के एड्रेस मिले है, जबकि 47 फेक डिग्री पकड़ी गई हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

मामले में 275 लोगों से पूछताछ, 8 गिरफ्तार

डीजीपी का कहना था कि जांच में 275 लोगों से पूछताछ कर 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें राजकुमार राणा मुख्य आरोपी है. उसका परिवार ऑस्ट्रेलिया में है. उन्हें वापस बुलाया जा रहा है.

194 करोड़ की संपत्ति की गई अटैच

डीजीपी ने कहा कि उनकी टीम जांच के लिए जम्मू के तराल में भी गयी थी. उन्होंने कहा कि ईडी ने भी उनके जांच पर मुहर लगाई है. साथ ही 194 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है.

मदद करने वालों का भी लगाया जाएगा पता

डीजीपी ने बताया कि फर्जी डिग्री मामले में पूरी डील कैश में होती थी. एक डिग्री लाखों में बेची गई है. इस खेल का पता लगाने के लिए पुलिस को काफी मश्कक्त करनी पड़ी और 4 टीमों ने शानदार कार्य किया. इस मामले में जांच अब भी जारी है और पुलिस तह तक पहुंचने में कामयाब रहेगी. पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि फर्जीवाड़े में किस-किस ने मानव भारती विवि की मदद की है.

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