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Shamshari Mahadev Temple: 2000 सालों बाद देव मिलन महायज्ञ में पहुंचे देवता बूढ़ा महादेव - rampur news hindi

प्रसिद्ध देवता शमशरी महादेव मंदिर (Shamshari Mahadev Temple) में 2000 सालों के अंतराल के बाद ऐतिहासिक देव मिलन महायज्ञ में हजारों लोग शामिल हुए. देवता बूढ़ा महादेव ढोल-नगाड़ों, नरसिंगे और लाव लश्कर के साथ महायज्ञ में पधारे. इस दौरान शमशरी महादेव मंदिर में पहुंचने पर मंदिर कमेटी व देव समाज से जुड़े लोगों ने देवी-देवताओं का यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत किया.

Shamshari Mahadev Temple
शमशरी महादेव मंदिर

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Published : May 23, 2022, 7:55 PM IST

रामपुर: प्रसिद्ध देवता शमशरी महादेव मंदिर मे 2000 सालों के अंतराल के (Shamshari Mahadev Temple) बाद ऐतिहासिक देव मिलन महायज्ञ में हजारों लोग शामिल हुए. देवता बूढ़ा महादेव ढोल-नगाड़ों, नरसिंगे और लाव लश्कर के साथ महायज्ञ में पधारे. इसके अलावा देवता पनेवीनाग, लक्ष्मी नारायण डोहवी, मुरलीधर बटाला सहित विभिन्न गांव से देवताओं का स्वागत किया गया.

देवता पुरोहित (Dev Milan Mahayagya at Shamshari) स्वरूप चंद, दिवान चंद, टीकम राम, ब्रह्मा नन्द ने कहा कि महादेव के महायज्ञ से कई जन्मों का फल मिलता है. धरती पर देवी-देवताओं का मिलन देखना सौभाग्य की बात है. परंपरा अनुसार पूरे विधि-विधान से महायज्ञ में सभी देवी-देवताओं ने हाजिरी भरी है. देवी- देवताओं के कारदारों, कारकरिन्दों का भव्य स्वागत किया गया. इस महायज्ञ में सभी देवी-देवताओं ने आउटर सराज की जनता को सुख समृद्धि का प्रसाद दिया.

निथर, बटाला, कुई, डोहवी, पनेऊ देवी-देवताओं के निशान जैसे ही हजारों श्रदालुओं संग महायज्ञ में पहुंचे तो देव मिलन का अनूठा नजारा देखने को मिला. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों पर जहां पौराणिक देव-रीति का निर्वहन किया गया वहीं, श्रदालुओं द्वारा प्राचीन वाद्य यंत्रों की धुनों पर मनमोहक नृत्य पेश हुआ. देव मिलन के इस पल में कई लोग भावुक दिखे और देवी-देवताओं के समक्ष शीश नवाकर क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की.

इस दौरान शमशरी महादेव मंदिर में (Dev Milan Mahayagya at Shamshari) पहुंचने पर मंदिर कमेटी व देव समाज से जुड़े लोगों ने देवी-देवताओं का यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत किया. बताते चलें कि नित्थर क्षेत्र के बूढ़ा महादेव 2000 वर्षों के एक बड़े अंतराल के बाद इस महायज्ञ में शामिल हुए हैं. जहां पूरी रात मथुरा से आई भजन मंडली और विभिन्न महिला मंडल रात्रि जागरण करेंगे वहीं, सुबह श्रीमद भागवत कथा के बाद देवी-देवताओं की विदाई से आऊटर सराज के इस सबसे बड़े धार्मिक महायज्ञ का विधिवत समापन हो जाएगा.

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