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Protest outside mayor office Shimla: ग्रांट और पानी को लेकर मेयर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर

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Published : Dec 20, 2021, 5:31 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 12:08 PM IST

Protest outside mayor office Shimla: नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) के मर्ज एरिया की ग्रांट बंद करने पर पूर्व पाषर्द नरेंद्र कुमार नीटू नगर निगम प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पूर्व पाषर्द नरेंद्र कुमार नीटू ने मर्ज क्षेत्रों में जनता की समस्या को लेकर महापौर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया.

Demonstration outside Shimla mayor office
मेयर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर

शिमला: Protest outside mayor office Shimla: नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) के मर्ज एरिया की ग्रांट बंद करने पर पूर्व पाषर्द (former Councillor Narendra Thakur) नरेंद्र कुमार नीटू नगर निगम प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पूर्व पाषर्द नरेंद्र कुमार नीटू ने मर्ज क्षेत्रों में जनता की समस्या को लेकर महापौर कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. मर्ज एरिया की ग्रांट बंद करने और नगर निगम के साथ लगती पंचायतों में हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी पेयजल की सुविधा न देने को लेकर उन्होंने धरना प्रदर्शन (Demonstration outside Shimla mayor office) किया.

उन्होंने आरोप लगाया कि हाइकोर्ट के निर्देशों के बाद भी नए पेयजल कनेक्शन (water problem in shimla) नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे पंचायत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने पड़ रहा है. पूर्व पार्षद नरेंद्र नीटू का कहना है कि जब से भाजपा शासित एमसी शिमला पर काबिज हुई है तब से एमसी के न्यू मर्ज एरिया में मिलने वाली ग्रांट ही बंद हो गई है.

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उन्होंने कहा कि डबल इंजन का अलाप रचने वाली भाजपा आज न्यू मर्ज एरिया में मिलने वाली 3 करोड़ की ग्रांट को भी जारी नहीं कर पा रही है. जिससे शहर के 18 वार्डों को 15-15 लाख रुपये वार्डों के विकास कार्यों को मिलता था, लेकिन अब यह ग्रांट जारी नहीं हो पा रही है. जिससे वार्डों में होने वाला विकास कार्य ठप हो गया है. साथ ही स्मार्ट सिटी का दावा करने वाली भाजपा सिर्फ चुनिंदा वार्डों में ही डंगे और अन्य काम हो रहे हैं. नीटू ने कहा कि नगर निगम जनता की तो दूर हाईकोर्ट की भी नहीं सुन रहा है. ऐसे में किसके पास अपनी फरियाद लेकर जाएं. उधर, उन्होंने नगर निगम की परिधि के साथ लगते पंचायत क्षेत्रों में पानी के नए कनेक्शन न मिलने पर भी एमसी को आड़े हाथों लिया है.

उन्होंने कहा कि निगम के कंगनाधार के साथ लगते क्षेत्र में न तो जल शक्ति विभाग की कोई पेयजल परियोजना है और न ही एमसी से अलग होकर बना जल प्रबंधन निगम भी 2017 के बाद पानी नहीं दे रहा है, जबकि हाइकोर्ट के आदेश पर कोई भी विभाग या संस्था बिजली, पानी से वंचित नहीं कर सकता है, लेकिन एमसी और जल निगम हाइकोर्ट के आदेशों को भी नहीं सुन रहा है. अब ऐसे में जब तक एमसी की ओर से आश्वासन नहीं मिलता है तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे.

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Last Updated : Dec 21, 2021, 12:08 PM IST

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