शिमला: शिमला नागरिक सभा (Shimla Nagarik Sabha) ने गत दिनों शिमला के डाउन डेल इलाके से तेंदुए द्वारा 6 वर्षीय बच्चे की जान लेने के घटनाक्रम के खिलाफ मुख्य अरण्यपाल वन विभाग हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. वहीं, सभा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य अरण्यपाल व डीएफओ वाइल्डलाइफ से मिला व उन्हें ज्ञापन भी सौंपा.
बैठक लगभग एक घण्टा चली. वन विभाग के सभी आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहे. नागरिक सभा ने मांग की है कि तेंदुए को आदमखोर घोषित किया जाए. शहर के जंगल से सटे इलाकों में फेंसिंग, कैमरों व स्ट्रीट लाइटों की उचित व्यवस्था की जाए. डाउन डेल व कनलोग हादसों के पीड़ित परिवारों को कम से कम दस-दस लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए.
शिमला नागरिक सभा के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने शिमला शहर के बीचों-बीच इस तरह के हादसों पर हैरानी व्यक्त की है और इसे पूरी तरह प्रदेश सरकार, नगर निगम शिमला व वन विभाग की नाकामयाबी करार दिया है. उन्होंने कहा कि डाउन डेल शहर के बीचों-बीच है. जब इस तरह की घटना यहां पर हो सकती है तो फिर शिमला शहर के इर्द-गिर्द के इलाकों में नागरिकों की जानमाल की सुरक्षा की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती.