शिमला:राजधानी शिमला की जनता को निगम द्वारा थमाए जा रहे भारी भरकम कूड़ा बिलों और शहर में सफाई व्यवस्था की बदहाल स्थिति के खिलाफ शिमला नागरिक सभा ने नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शनिवार को (Demonstration of Shimla Nagarik Sabha) नागरिक सभा ने नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और शहर में स्वच्छता कायम रखने में नगर निगम को विफल करार दिया. इसके अलावा नगर निगम शिमला द्वारा कूड़ा बिल में (garbage bill in shimla) की गई बढ़ोत्तरी के खिलाफ भी नागरिक सभा ने खुब हमला बोला.
शिमला नागरिक सभा का प्रदर्शन: 'शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल और नगर निगम वसूल रहा अधिक कूड़ा बिल'
शिमला नागरिक सभा ने (Shimla Nagarik Sabha) नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और शहर में स्वच्छता कायम रखने में नगर निगम को विफल करार दिया. इसके अलावा (Demonstration of Shimla Nagarik Sabha) नगर निगम शिमला द्वारा कूड़ा बिल में की गई बढ़ोत्तरी के खिलाफ भी नागरिक सभा ने खुब हमला बोला.
शिमला नागरिक सभा के संयोजक संजय चौहान ने (Demonstration of Shimla Nagarik Sabha) कहा कि राजधानी शिमला एक पर्यटक स्थल है, लेकिन यहां पर सफाई व्यवस्था की हालत खस्ता है. शहर के कृष्णा नगर सहित कई क्षेत्रों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं और इस गंदगी को हटाने के लिए नगर निगम जहमत (Poor condition of cleanliness in Shimla) नहीं उठा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर निगम में 200 से ज्यादा सफाई कर्मी के पद खाली पड़े हुए हैं और इन पदों को भरा नहीं जा रहा है. हर वार्ड में जहां 20 सफाई कर्मी होने चाहिए वहां आज के समय में केवल 4 कर्मी ही साफ सफाई का जिम्मा उठाए हुए है.
वहीं, उन्होंने कूड़े के बिलों को लेकर भी नगर निगम पर निशाना साधा और कहा कि पहले जहां हर महीने 40 रुपए कूड़े के बिल नगर निगम ले रहा था वहीं, अब हर माह 107 रुपए कूड़े के बिल के (garbage bill in shimla) रूप में वसुले जा रहे हैं. हर साल नगर निगम 10 फीसदी की वृद्धि कर रहा है. उन्होंने नगर निगम को शहर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ ही कूड़े के बिलों में की जा रही वृद्धि के फैसले को भी वापस लेने की मांग की. उन्होंने चेताया कि अगर नगर निगम व्यवस्था नहीं सुधारता है तो आने वाले दिनों में शिमला नागरिक सभा अपने आंदोलन को और उग्र करेगी.