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'बेटा कोई नहीं सुन रहा मेरी, घर को खतरा है और बरसात का मौसम है, PWD ने खुदाई तो की पर डंगा नहीं बनाया'

रामपुर के सुंगरी इलाके की इलम देवी के गरीब खाने पर खतरा मंडरा रहा है. लोक निर्माण विभाग ने डंगा लगाने के लिए खुदाई कर दी. इसके बाद विभाग शायद डंगा लगाना भूल गया. खुदाई की वजह से इलम देवी के छोटे से आशियाने पर खतरा मंडरा रहा है. लोक निर्माण विभाग के उत्कृष्ट इंजीनियरों ने ऐसी खुदाई की जिससे छोटे से सेब के बगीचे पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं. मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासन के पास गुहार लगाने के बावजूद लोक निर्माण विभाग के कान पर जूं नहीं रेंग रही. शिकायत कई बार मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी की गई, लेकिन कोई असर न तो अधिकारियों पर पड़ रहा न ही नेता कोई सुध लेने जा रहा है.

Ilam Devi of Sungri area of Rampur
रामपुर के सुंगरी इलाके की इलम देवी

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Published : Jul 26, 2022, 7:28 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश सरकार भले ही बुजुर्गों को सम्मान देने के बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन जमीनी स्तर पर यह दावे खोखले नजर आते हैं. प्रदेश सरकार के इन दावों की पोल उस समय खुल गई, जब रामपुर से दर-दर की ठोकरें खाती एक बूढ़ी मां शिमला पहुंची और मीडिया से रोते हुए अपने आशियाने को बचाने की गुहार लगाती नजर आई. ये बूढ़ी मां मुख्यमंत्री से लेकर एसडीएम तक पिछले आठ सालों से डंगा लगवाने के लिए ठोकरें खा रही है, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.

रामपुर के सुंगरी इलाके की इलम देवी के गरीब खाने पर खतरा मंडरा रहा है. लोक निर्माण विभाग ने डंगा लगाने के लिए खुदाई कर दी. इसके बाद विभाग शायद डंगा लगाना भूल गया. खुदाई की वजह से इलम देवी के छोटे से आशियाने पर खतरा मंडरा रहा है. लोक निर्माण विभाग के उत्कृष्ट इंजीनियरों ने ऐसी खुदाई की जिससे छोटे से सेब के बगीचे पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं. मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासन के पास गुहार लगाने के बावजूद लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के कान पर जूं नहीं रेंग रही. शिकायत कई बार मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी की गई, लेकिन कोई असर न तो अधिकारियों पर पड़ रहा न ही नेता कोई सुध लेने जा रहा है.

वीडियो.

58 साल की इलम देवी (Ilam Devi of Sungri area) का कहना है कि घर पर अकेली रहती हैं और इनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं. साल 2014 में नीचे डंगा बनाने के लिए खुदाई की गई जिससे मकान को खतरा हो गया है और दरारें आ गई हैं. साथ ही बगीचे को भी नुकसान हो रहा है. आठ साल का समय गुजर गया एसडीएम से लेकर लोक निर्माण विभाग तक इसकी शिकायत की और मुख्यमंत्री तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तक गुहार लगाई, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं. उन्होंने सरकार से डंगा लगा कर अपने आशियाने को सुरक्षित करने की मांग की.

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