शिमला: प्रदेश भाजपा अर्की और फतेहपुर में विद्रोह को बाहरी तौर पर तो शांत करने में हो ही गई है, लेकिन दोनों ही स्थानों पर भीतरघात का खतरा अभी भी हुआ है. फतेहपुर से भाजपा प्रत्याशी बलदेव ठाकुर और अर्की से रतन सिंह पाल ने अपना नामांकन भरा है वहीं, जुब्बल-कोटखाई में तो चेतन बरागटा ने तो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भर ही दिया है. इसके अलावा मंडी में भी पूर्व सांसद महेश्वर सिंह की भूमिका अहम रहने वाली है.
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस को भी भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है. मंडी में पंडित सुखराम परिवार और कौल सिंह ठाकुर की कांग्रेस के लिए अहम भूमिका रहने वाली है. पंडित सुखराम परिवार इन दिनों कांग्रेस में अलग-थलग महसूस कर रहा है. अर्की विधानसभा सीट की बात करें तो भाजपाइयों के अनुसार अनुराग ठाकुर ने ही अर्की भाजपा में सुलकी विद्रोह की आग को शांत किया और एक विद्रोही सुर अलाप रहे एक भाजपा नेता तो नामांकन के बाद आयोजित की गई जनसभा में भी शामिल हो हुए है.
हालांकि दो बार यहां से भाजपा विधायक रहे गोविंद राम शर्मा और उनकी टीम नामांकन भरने व उसके बाद हुई जनसभा से नदारद रहे, लेकिन गोविंद राम शर्मा ने बतौर आजाद प्रत्याशी नामांकन नहीं भरा, जबकि नामांकन से एक दिन पहले उनकी टोली ने एलान किया था कि वह कल सुबह नामांकन भरेंगे, लेकिन अगले दिन अनुराग ठाकुर अर्की पहुंच गए थे. इसके बाद अर्की हलके प्रभारी राजीव बिंदल ने इन बागियों को मनाया.
हालांकि अब भी भीतरघात होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. अर्की में कांग्रेस व भाजपा में कड़ा मुकाबला होने के आसार हो गए. बागी न तो कांग्रेस से चुनाव मैदान में हैं और न ही भाजपा से अब भीतरघात का ही खतरा है, लेकिन खुल कर कोई ज्यादा नुकसान पहुंचाने की स्थिति में नहीं है.
अर्की विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी व कांग्रेस से पार्टी के महासचिव संजय अवस्थी को टिकट मिलने के बाद पूरे अर्की ब्लॉक कांग्रेस ने अपने पद से सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे दिया था. लेकिन अर्की कांग्रेस से भाजपा की तरह ही कोई भी नेता बागी नहीं हुआ और बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव प्रचार में भी नहीं उतरा.
अगर जुब्बल कोटखाई में हो रहे उपचुनावों की बात करें कांग्रेस के लिए थोड़ी राहत की बात है. पिछली बार हुए विधानसभा सीट के परिसीमन के बाद जुब्बल-कोटखाई में रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र कुछ हिस्सा भी शामिल हुआ है. इस क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने एक बैठक कर सभी कांग्रेस समर्थकों को रोहित ठाकुर का सहयोग करने की बात कही है. ऐसे में हमेशा रोहित ठाकुर के विरोध में रहने वाला कांग्रेस का एक धड़ा अब उनके समर्थन में आ गया है.