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हिमाचल के सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र खुलेंगे, सोलन में होगा स्टेट लेवल सेंटर - himachal pradesh news

हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र (Rehabilitation Centers in Himachal) खोले जाएंगे. स्टेट लेवल का सेंटर सोलन जिला में खोला जाएगा. कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल के सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई.

Rehabilitation Centers in Shimla
हिमाचल विधानसभा (फाइल फोटो).

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Published : Mar 5, 2022, 10:39 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे. स्टेट लेवल का सेंटर सोलन जिला में खोला जाएगा. हिमाचल विधानसभा में ये जानकारी प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने दी. कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल के सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई.

आशीष बुटेल ने जानना चाहा था कि प्रदेश में कितने सरकारी व गैर सरकारी नशा मुक्ति केंद्र हैं. इस पर स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने बताया कि प्रदेश में 2 सरकारी व 77 गैर सरकारी नशा मुक्ति केंद्र काम कर रहे हैं. इसके अलावा 5 नशामुक्ति केंद्र सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की ओर से भी चलाए जा रहे हैं. सरकारी नशामुक्ति केंद्र में नशे के शिकार लोगों को निशुल्क इलाज प्रदान किया जाता है.

सदन में बताया गया कि ऐसी रिपोर्ट आई थी कि गैर सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों (Rehabilitation Centers in Himachal) में प्रतिबंधित दवाओं का प्रयोग हो रहा है. इसके अलावा कई जगह मारपीट की घटनाएं भी सामने आई थी. ऐसे में अब स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी की ओर से इन नशामुक्ति केंद्रों पर चैक रखा जा रहा है.

अनुपूरक सवाल में वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र के साथ युवाओं को शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत रखने के लिए योग पर भी ध्यान दिया जाए. इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को भी डेढ़ साल पहले पत्र लिखा था. वहां से जवाब आया था कि आगामी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार के साथ पत्राचार किया गया है. रामलाल ठाकुर ने पूछा कि पीएमओ से आए पत्र का क्या हुआ? जवाब में स्वास्थय मंत्री राजीव सैजल ने कहा कि इस बारे में उनके पास जानकारी नहीं है.

वहीं, बैजनाथ के विधायक मुल्खराज प्रेमी के सवाल (प्राधिकृत अरुण कूका) पर मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि बैजनाथ खेल मैदान के लिए डीसी व एसडीएम के माध्यम से रिवाइज्ड एस्टीमेट भेजने को कहा है. खेलमंत्री ने बताया कि एस्टीमेट में जिस भूमि का किया गया है, उसका 30 प्रतिशत हिस्सा अतिक्रमण वाला है. ऐसे में बाकी बची भूमि का ही एस्टीमेट बनाकर डीसी व एसडीएम के माध्यम से भिजवाए गए हैं. उन्होंने बताया कि बीत 3 सालों में कोई भी धनराशि बैजनाथ में निर्मित खेल मैदान निर्माण के लिए जारी नहीं की गई है.

डोडरा क्वार आईटीआई में दो साल से एक भी छात्र नहींरोहड़ू के विधायक मोहनलाल ब्राक्टा ने डोडरा-क्वार आईटीआई से जुड़ा सवाल किया. उस पर तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने बताया कि शिमला जिला के दुर्गम इलाके डोडरा-क्वार में स्थित आईटीआई में दो साल से एक भी छात्र नहीं है. डोडरा-क्वार आईटीआई को सरकार की ओर से डी-नोटिफाई नहीं किया गया है. जुलाई महीनें में शुरू होने वाले नए सत्र के दौरान अगर डोडरा क्वार आईटीआई के लिए छात्र मिलता है तो उसे फिर से शुरू किया जाएगा.

इसी प्रकार एक अन्य सवाल के जवाब में सदन में जानकारी मिली कि एफसीए की मंजूरी के लिए शिमला में एक कार्यालय खोला गया है. इस कार्यालय से पिछले 8 महीनें में अभी तक एफसीए के 65 मामलों को स्वीकृति मिल चुकी है.

वन मंत्री राकेश पठानिया ने जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक रोहित ठाकुर के सवाल में बताया कि शिमला में केंद्र सरकार ने एफसीए की स्वीकृति के लिए कार्यालय खोल दिया है. यह कार्यालय 5 जुलाई 2021 से संचालित हुआ है और यहां एफसीए के 67 मामलों को मंजूरी दी गई है. वर्ष 2021-22 में एफआरए के तहत 330 स्वीकृतियां उच्च न्यायालय से मिली हैं.

हिमाचल के अस्पतालों में स्टाफ नर्सिज के खाली पड़े पदों को भरा जाएगा. राज्य में स्टाफ नर्सिज के कुल 800 पद खाली हैं. इनमें से 238 पद बैचवाइज भरे जाएंगे. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बाकी बचे पदों को भी जल्द सीधी भर्ती के माध्यम से भरा जाएगा.

स्वास्थय मंत्री राजीव सैजल ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के सवाल के जवाब में बताया गया कि एमएससी नर्सिंग के लिए सरकारी सेक्टर में एक व गैर सरकारी सेक्टर में 7 संस्थान हैं और उनमें 181 कुल सीटें हैं. इसी तरह बीएससी नर्सिंग में सरकारी व गैर सरकारी सेक्टर में बीएससी नर्सिंग के क्रमश: 2 व 41 संस्थान हैं. उनमें 1770 सीटें हैं. जीएनएम व एएनएम नर्सिंग में कुल पचास संस्थान हैं और 1850 सीटें हैं.

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