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भाजयुमो नेताओं ने माफी नहीं मांगी तो होगी कानूनी कार्रवाई : राकेश सिंघा

विधायक राकेश सिंघा ने भारतीय युवा मोर्चा पर आरोप लगाया कि उनके कुछ कार्यकर्ता सोशल मीडिया में इस मौत पर दुष्प्रचार कर रहे हैं कि प्रदर्शन की वजह से व्यक्ति की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को कारोना संक्रमण के चलते तीन दिसंबर को आईजीएमसी में दाखिल किया गया, जबकि प्रदर्शन पांच दिसंबर को हुआ था.

rakesh singha on bjpym
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Published : Dec 10, 2020, 8:16 PM IST

शिमलाःविधानसभा क्षेत्र ठियोग में भाजपा युवा मोर्चा और राकेश सिंघा के बीच राजनीतिक जंग शुरू हो गई है. पांच दिसंबर को ठियोग के संधू में माकपा द्वारा रोके गए राष्ट्रीय उच्च मार्ग के दौरान एक व्यक्ति की मौत का मामला सियासी रंग लेने लगा है.

माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भारतीय युवा मोर्चा पर आरोप लगाया कि उनके कुछ कार्यकर्ता सोशल मीडिया में इस मौत पर दुष्प्रचार कर रहे हैं कि प्रदर्शन की वजह से व्यक्ति की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि रामसुख की मौत चक्का जाम की वजह से हुई, जबकि वास्तव में सुखराम जिनकी आयु 70 साल है, उनको कारोना संक्रमण के चलते तीन दिसंबर को आईजीएमसी में दाखिल किया गया जबकि प्रदर्शन पांच दिसंबर को हुआ था.

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राकेश सिंघा ने कहा कि उस व्यक्ति की दुखद मौत 6 दिसंबर को हुई. उन्होंने दुष्प्रचार करने वाले लोगों को चेतावनी दी है कि वे 24 घंटे में माफी मांगें. उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि मांफी नहीं मांगी तो वे दुष्प्रचार करने वालों के कानूनी कार्रवाई अमल में लाएंगे. राकेश सिंघा ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई सरकार ही नहीं बल्कि लोगों व अन्य राजनीतिक पार्टियों की भी जिम्मेदारी है.

किसान आंदोलन को लेकर प्रदेश में समन्वय समिति बनाने का फैसला

वहीं, शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान माकपर विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि भारत सरकार की किसानों से वार्ता सफल नहीं हो पाई है. केंद्र सरकार किसानों की मांग को पूरा नहीं कर रही है. ऐसे में किसानों ने आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया गया है. किसान इन कानूनों के खिलाफ 12 और 14 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन करेंगे ताकि इन किसान विरोधी निर्णयों को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि किसानों ने इन कानूनों की मांग नहीं की है लेकिन सरकार इन्हें किसानों पर थोप रही है.

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