शिमलाः नगर निगम शिमला ने गुरूवार को अपना बजट पेश किया है. वहीं, माकपा ने इस बजट को आम जनता पर बोझ डालने वाला बजट करार दिया है. माकपा के जिला कमेटी सचिव संजय चौहान ने कहा कि सरकार के दबाव में आकर नगर निगम ने पहले ही पानी, कूड़ा इकट्ठा करने की फीस, प्रॉपर्टी टैक्स आदि की दरों में 10 प्रतिशत की हर वर्ष वृद्धि का निर्णय लिया है.
इसके कारण आज आर्थिक संकट से जूझ रही जनता पर और अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा. इस संकट काल में जनता जहां नगर निगम से और राहत की उम्मीद कर रही थी. वहीं, जनता को कोई राहत देने के बजाए बिजली पर सेस व अन्य मदों को बढ़ाकर जनता पर और अधिक करों का बोझ डाल दिया है.
जनविरोधी आर्थिक नीतियां
संजय चौहान ने कहा कि एक ओर केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के कारण पेट्रोल, डीजल, गैस, राशन, खाद्य वस्तुओं व अन्य आवश्यक सेवाओं में वृद्धि से जनता पहले ही त्रस्त है. अब नगर निगम की ओर से टैक्स व करों का बोझ डालकर जनता की कमर तोड़ दी है.
उन्होंने कहा कि नगर निगम का बजट भी बीजेपी की देश में लागू की जा रही है. जनविरोधी आर्थिक नीतियों के अनुरूप ही है. पार्किंग व अन्य संपत्तियों से प्रस्तावित बजट से 75 प्रतिशत भी एकत्र नहीं कर पाई जिससे निगम की आय में बड़ी गिरावट आई है.