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हड़ताल पर बैठे एंबुलेंस कर्मचारियों को मिला माकपा का समर्थन, विधायक राकेश सिंघा ने दिया साथ

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Published : Feb 2, 2022, 6:22 PM IST

मजदूर संगठन सीटू के बैनर तले 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा से नौकरी से निकाले गए मजदूरों ने अपनी बहाली व अन्य मांगों को लेकर नेशनल हेल्थ मिशन एमडी कार्यालय कसुम्पटी शिमला के बाहर बुधवार को धरना प्रदर्शन (Ambulance workers protest in shimla) किया. इस दौरान ठियोग से विधायक राकेश सिंघा ने इन कर्मचारियों के आंदोलन को सीटू राज्य कमेटी की ओर से पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया.

Ambulance workers protest in shimla
शिमला में एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल

शिमला:मजदूर संगठन सीटू के बैनर तले 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा से नौकरी से निकाले गए मजदूरों ने अपनी बहाली व अन्य मांगों को लेकर नेशनल हेल्थ मिशन एमडी कार्यालय कसुम्पटी शिमला के बाहर बुधवार को धरना प्रदर्शन (Ambulance workers protest in shimla) किया. धरने में ठियोग के विधायक राकेश सिंघा, सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा सहित भारी संख्या में कर्मचारी भी मौजूद रहे.

राकेश सिंघा और विजेंद्र मेहरा ने इन कर्मचारियों के आंदोलन को सीटू राज्य कमेटी की ओर से पूर्ण समर्थन देने का ऐलान (CPIM supported Ambulance workers) किया है. उन्होंने कहा कि संगठन पूरे प्रदेश के मजदूरों को लामबंद करके इन मजदूरों की बहाली की लड़ाई को तेज करेगा. इस आंदोलन के तहत जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर मजदूरों की लामबंदी होगी. उन्होंने मेडस्वान फाउंडेशन (Ambulance service in Himachal) न कंपनी प्रबंधन को चेताया है कि वह मजदूरों की सेवाओं को यथावत जारी रखे अन्यथा उसके खिलाफ प्रदेशव्यापी मोर्चाबंदी होगी.

वहीं, 108 और 102 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के संयोजक मनोहर लाल व सह संयोजक प्रवीण कुमार ने आरोप लगाया कि कई वर्षों से कार्यरत दो सौ से ज्यादा पायलट, ईएमटी व कैप्टन सहित एंबुलेंस कर्मियों को बेवजह गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह कंपनी भी पूर्व कंपनी जीवीके के नक्शे कदमों पर आगे बढ़ रही है.

कॉन्ट्रैक्ट बदलने पर सैकड़ों मजदूरों की छंटनी कर दी गई है और उनकी जगह भाई-भतीजावाद व सिफारिश के आधार पर नई नियुक्तियां कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग इस सब पर खामोश है. उन्होंने मांग की है कि नौकरी से निकाले गए मजदूरों को तुरंत बहाल किया जाए और उच्च न्यायालय व न्यायालय शिमला दोनों के निर्णय अनुसार मजदूरों को वेतन दिया जाए.

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