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जीएसटी वृद्धि के खिलाफ माकपा का प्रदर्शन, डीसी ऑफिस शिमला के बाहर गरजे कार्यकर्ता - shimla news hindi

दैनिक जरुरत की वस्तुओं में जीएसटी वृद्धि के खिलाफ माकपा ने डीसी ऑफिस शिमला के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. माकपा ने आरोप लगाया कि बड़े- बड़े उद्योगपतियों को (CPI M protest in Shimla against GST hike) फायदा पहुंचाने के लिए भाजपा सरकार आम जनता पर मंहगाई का बोझ डाल रही है जो कि सरासर गलत है. एक ओर खाद्य वस्तुओं पर भी जीएसटी लगा दिया गया है तो वहीं, कॉर्पोरेट घरानों को करों में छूट दी जा रही है.

CPI M protest in Shimla against GST hike
शिमला में जीएसटी वृद्धि के खिलाफ माकपा का प्रदर्शन

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Published : Jul 23, 2022, 6:18 PM IST

शिमला:भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) लोकल कमेटी शिमला ने शनिवार को केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों व आवश्यक वस्तुओं पर GST लगाने और मंहगाई बढ़ने के विरोध में जिलाधीश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. माकपा के जिला सचिव जगत राम ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार ने आजादी के 75 साल में पहली बार आटा, चावल, दाल, पनीर, दूध, दही, मांस, मछली व गुड़ और अन्य खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाया है. खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने से इनके दामों में बढ़ोत्तरी होगी जिससे आम जनता को दो वक्त की रोटी का गुजारा करना भी बेहद मुश्किल हो जाएगा.

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझ कर (CPI M protest in Shimla against GST hike) बड़े कॉर्पोरेट व उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए मंहगाई को बढ़ा रही है. सरकार अमृत महोत्सव के चलते आम जनता को राहत देने के बजाय उनके अधिकारों पर क्रूर हमले कर रही है. जिससे जनता का जीना मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि रसोई गैस, डीजल, पेट्रोल, कपड़ा, शिक्षा, स्वास्थ्य और जिंदा रहने के लिए आवश्यक सामान को लगातार मंहगा किया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ कॉर्पोरेट घरानों को करों में छूट दी जा रही है. जो कि आम जनता के साथ अन्याय है.

माकपा के जिला सचिव जगत राम ने कहा कि कॉर्पोरेट घरानो के 11 लाख करोड़ के बैंको से लिए कर्ज माफ किए गए हैं. उन्हें बेलआउट पैकेज देकर भारी मुनाफा कमाने और जनता को लूटने की खुली छूट दी (CPI M protest in Shimla against GST hike) जा रही है. कॉर्पोरेट घरानों को दी जा रही छूट से राजस्व को जो घाटा होता है उसे पूरा करने के लिए सरकार द्वारा आम जनता पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर लगाए जा रहे हैं. सरकार आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रही है. मोदी सरकार अमीरों को फायदे पहुंचा कर अमृत वर्षा कर रही है और जनता के लिए तो लूट का उत्सव बन कर रह गया है.

सरकार ने होटल उद्योग पर 12 प्रतिशत GST लगा दिया है, जिससे पर्यटन उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ेंगे. यहां तक मोदी सरकार ने अंत्येष्टि सामग्री कफन आदि पर भी जीएसटी लगा कर देश वासियों से भद्दा और क्रूर मजाक किया है. सरकार की निजीकरण की नीतियों की वजह से रोजगार में भारी कमी आई है. जून माह में 1 करोड़ 40 लाख रोजगार कम हुए जो चिंता का विषय है. माकपा नेता ने (Protest against GST hike in Himachal) कहा कि जिंदा रहने की आवश्यक वस्तुओं पर 5% से 18% जीएसटी लगाया गया है. दूसरी तरफ सोने कि खरीद पर 3% और हीरे की खरीद पर 1.5% जीएसटी लगाई गई है. यह मोदी सरकार की अमीरों को छूट और गरीबों की लूट करने की नीति है.

माकपा ने सरकार से मांग की है कि बड़े कॉर्पोरेट घरानों को टैक्सों में छूट, लोन माफी व अन्य रियायतें देना बंद करें. उनसे ज्यादा कर वसूला जाए. खाद्य वस्तुओं में लगाई गई जीएसटी को वापिस लिया जाए. मंहगाई को कम करने और जनता को राहत देने के लिये उचित कदम उठाए जाएं. रसोई गैस के दामों में की गई बढ़ोत्तरी को वापिस लिया जाए.

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