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IGMC लंगर विवाद पर माकपा ने खोला मोर्चा, प्रशासन पर लगाया ठेका प्रथा को बढ़ावा देने का आरोप - शिमला लंगर विवाद

आईजीएमसी में चल रहा लंगर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. लंगर विवाद को लेकर एक ओर जहां सरकार ने न्यायिक जांच करने के आदेश जारी किए हैं तो वहीं, माकपा ने एक बार फिर से अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. माकपा शहरी सचिव बाबू राम ने कहा कि संस्था करीब 7 सालों से अस्पताल में आने वाले तीमारदारों और मरीजों के लिए फ्री में खाना वितरित करती है, लेकिन 7 साल बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा बिजली पानी के चोरी के आरोप लगाए जा रहे हैं जिससे अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है.

CPI(M) protest against IGMC Administration on langer dispute in shimla
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Published : Sep 9, 2021, 6:16 PM IST

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में चल रहा लंगर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. लंगर विवाद को लेकर एक ओर जहां सरकार ने न्यायिक जांच करने के आदेश जारी किए हैं तो वहीं, माकपा ने एक बार फिर से अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

वीरवार को माकपा ने आईजीएमसी गेट के बाहर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया. माकपा ने आईजीएमसी प्रशासन और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ सरकार लंगर जैसे सामाजिक कार्य का बहिष्कार कर इसे बंद करने के आदेश जारी कर रहा है. तो दूसरी ओर अस्पताल के भीतर एसआरएल लैब चला चलाकर निजीकरण को बढ़ावा दे रहा है.

माकपा शहरी सचिव बाबू राम का कहना है कि सरकार चाहे कोई भी हो, लेकिन अस्पताल के भीतर निजीकरण कर अपने ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का काम हर सरकार कर रही है. वर्तमान में भाजपा सरकार भी यही काम कर रही है जिसमें कैंटीन सेवाओं से लेकर अस्पताल के भीतर टेस्ट सुविधा के नाम पर ठेकेदारों को लाभ पहुंचा रही है.

उन्होंने कहा कि जो लोग सामाजिक कार्य कर लोगों की सेवा फ्री में कर रहे हैं उनकी न्यायिक जांच करवाई जा रही है जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि ऑलमाइटी संस्था लोगों को मुफ्त में खाना वितरित करने का काम कर रही है लेकिन अस्पताल प्रशासन वहां भी अपने चहेतों को फायदा उठाने के लिए नई संस्था को काम दे रही है.

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माकपा शहरी सचिव बाबू राम ने कहा कि संस्था करीब 7 सालों से अस्पताल में आने वाले तीमारदारों और मरीजों के लिए फ्री में खाना वितरित करती है, लेकिन 7 साल बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा बिजली पानी के चोरी के आरोप लगाए जा रहे हैं जिससे अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है.

उन्होंने कहा कि अस्पताल के भीतर चल रही कैंटीनों को लेकर कई बार सवाल उठे हैं, लेकिन अपने चहेते ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई करने से अस्पताल प्रशासन डरता है और इसमें कई तरह का घोटाला भी करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि सामाजिक संस्था को लंगर चलाने की अनुमति नहीं दी जाती है तो माकपा अपने प्रदर्शन को और उग्र करेगी.

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