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हुनरमंदों के काम पर कोरोना की मार, परिवार का गुजारा करना हुआ मुश्किल

कोरोना की दूसरी लहर और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए कोरोना कर्फ्यू की बंदिशों की वजह से एक बार फिर छोटे-बड़े कारोबारी प्रभावित हुए हैं. इतना ही नहीं शहर में प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन और मकैनिक का काम करने वाले लोगों का धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया. कामकाज ठप होने की वजह से उनके सामने घर परिवार चलाने में काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है. इस मुश्किल घड़ी में उन्हें सरकार से मदद की आस है.

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Published : Jun 8, 2021, 10:16 PM IST

शिमलाः कोरोना ने हर वर्ग को बुरी तरह प्रभावित किया है. कोरोना की दूसरी लहर ने तो आम आदमी के जीवन पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डाला. कोरोना की वजह से संक्रमण के आंकड़ों पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन लगाया गया और लॉकडाउन की वजह से कामगारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया.

लॉकडाउन की वजह से गतिविधियां बंद हुई. इससे रोज कमा कर खाने वाले लोगों के सामने समस्या पैदा हुई. कोरोना की दूसरी लहर ने सबसे ज्यादा प्रभाव कामगारों पर डाला. सरकार ने मजदूरों के हित को ध्यान में रखते हुए कंस्ट्रक्शन के काम को जारी रखने का फैसला लिया, लेकिन प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और मकैनिक का काम करने वाले लोगों का काम लॉकडाउन की वजह से चौपट हो गया.

कोरोना काल में नहीं मिल रहा काम

लॉकडाउन की वजह से जहां दुकान में काम कर रहे कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ गंवाना पड़ा. तो वहीं, दूसरी ओर दुकान मालिकों को भी भारी नुकसान हुआ. कामकाज ठप होने की वजह से कई कामगार वापस अपने घरों को लौट गए. सामान्य दिनों में यह कामगार शहर भर में लोगों के घरों पर जाकर रिपेयर जैसे काम किया करते थे, लेकिन कोरोना की वजह से कामगारों को काम के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

काम पूरी तरह से प्रभावित

कोरोना के खतरे के बीच लोग बाहरी लोगों से संपर्क करने में भी हिचकिचा रहे हैं. ऐसे में लोगों को घर पर जाकर काम की सुविधा देने वाले इन कामगारों के सामने समस्या खड़ी हो गई है. राजधानी शिमला के संकट मोचन के नजदीक वर्कशॉप चलाने वाले राजिंदर सिंह ने बताया कि कोरोना से उनका काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है. लोग गाड़ी ब्रेकडाउन होने पर उन्हें घर पर ही ठीक करने के लिए बुलाते थे, लेकिन कोरोना की वजह से होम सर्विस देना तो दूर, दुकान पर भी काम नहीं चल रहा.

वीडियो रिपोर्ट.

सिलेंडर की कमी के कारण नहीं हो पा रहा वेल्डिंग का काम

राजिंदर सिंह बताते हैं कि कोरोना की वजह से जब ऑक्सीजन की कमी सामने आई, तब प्रशासन की ओर से उनकी दुकानों से ऑक्सीजन के सिलेंडर लिए गए. वर्कशॉप पर इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की मदद से वेल्डिंग का काम किया जाता है, लेकिन संकट के इस दौर में इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को भी मेडिकल ऑक्सीजन की भरपाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में उनका वेल्डिंग का काम बंद पड़ा हुआ है.

जल्द हालात सामान्य होने की उम्मीद

कामगार मनोज चौहान बताते हैं कि सामान्य दिनों में उनके पास इतना ज्यादा काम होता था कि उन्हें सांस लेने की भी फुर्सत नहीं होती थी. लोग घरों पर भी काम करने के लिए बुलाते थे, लेकिन अब काम के लिए न कोई घर पर बुलाता है और न ही लोग दुकान पर काम के लिए आ रहे हैं. कोरोना से काम बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हालांकि उन्हें उम्मीद है कि जल्द स्थिति सामान्य होने पर कामकाज फिर पटरी पर लौट सकेगा.

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दुकानों पर नहीं पहुंच रहे ग्राहक

शिमला शहर के घोड़ा चौकी इलाके में इलेक्ट्रीशियन की दुकान चलाने वाले योगेश शर्मा ने बताया कि कोरोना से उनका काम बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कोरोना से दुकान पर भी ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. इसके अलावा लोग घरों पर बिजली के काम के लिए बुलाने से भी परहेज कर रहे हैं. साथ ही, होटल बंद होने से भी उनके काम पर प्रभाव पड़ा है. होटल में अक्सर फिटिंग या छोटी-मोटी रिपेयरिंग का काम होता रहता था, लेकिन इन दिनों काम बिल्कुल बंद पड़ा हुआ है.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे कामगार

शिमला के कच्ची घाटी इलाके के कामगार लक्की ने बताया कि कोरोना से उनके काम पर बहुत बुरा असर पड़ा है. काम लगभग शून्य ही है. ऐसे में उन्हें आर्थिक तंगी से भी जूझना पड़ रहा है. अब उन्हें हालात सामान्य होने और सरकार से मदद की उम्मीद है, ताकि उनके परिवार का पालन पोषण हो सके.

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