शिमला:एक समय कोरोना मुक्त होने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे हिमाचल में कोविड-19 के एक्टिव केस का आंकड़ा चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है. बुधवार 27 अक्टूबर को हिमाचल में एक्टिव केस की संख्या 1972 दर्ज की गई. 21 अक्टूबर को एक्टिव केस की संख्या 2452 थी. इस तरह से 6 दिन में 500 से अधिक एक्टिव केस बढ़े. चिंता की बात यह है कि प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल के 4 डॉक्टर कोरोना पॉजिटव आए हैं. इससे आम जनता में भय की स्थिति है लोग एक्टिव केस बढ़ने को चुनावी रैलियों और स्कूल खोलने से जोड़कर देख रहे हैं.
यह काफी हद तक सही भी है, 10 दिन में 500 स्कूली बच्चे पॉजिटिव आ चुके हैं. इसके अलावा एक छात्रा की मौत भी हो चुकी है. इस समय सिरमौर और लाहौल-स्पीति कोरोना मुक्त है, लेकिन राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के केस इसी रफ्तार से बढ़ते रहे तो महीने के अंत में अकेले कांगड़ा जिले में 1000 एक्टिव केस हो जाएंगे. मंडी में एक्टिव केस की संख्या 185 है. सोलन में यह संख्या 31 है. जिस तरह से मंडी लोकसभा सीट और अन्य तीन विधानसभा हलकों में रैलियां हुई हैं, उसका प्रभाव आने वाले पखवाड़े में देखने को मिलेगा. यह भी संभव है कि छात्र-छात्राएं अगर लगातार कोरोना पॉजिटिव होते रहे तो स्कूल बंद किये जा सकते हैं. सरकार ने कोरोना की चेन ब्रेक करने के लिए 6 दिन की छुट्टियां घोषित की हैं.
अगर पिछले दिनों की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में 27 सितंबर 2021 से 25 अक्टूबर तक राजकीय और निजी स्कूलों में 556 विद्यार्थी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए. इन दिनों जिला हमीरपुर में कोविड-19 संक्रमित विद्यार्थियों की संख्या 196, जिला कांगड़ा में 173 और जिला ऊना में संक्रमित विद्यार्थियों की संख्या 104 है. इसके अलावा, जिला मंडी में 26, जिला शिमला 22, जिला किन्नौर 14, जिला कुल्लू 8, जिला बिलासपुर 7, जिला सोलन 4, जिला चंबा और जिला लाहौल-स्पीति में एक-एक मामला दर्ज किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश में कुल 556 संक्रमित विद्यार्थियों में 250 सक्रिय मामले हैं, जबकि 305 विद्यार्थी स्वस्थ हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित विद्यार्थियों में एक छात्रा की मृत्यु दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि मृतक छात्रा अपने परिवार सहित शादी समारोह में शामिल हुई थी, जिसके बाद छात्रा में बुखार और गले में खराश जैसे लक्षण पाए गए थे.
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और त्योहारों के दौरान शादी और सामाजिक समारोहों में भाग लेते समय पर्याप्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है. उन्होंने विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी लोगों से कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि सभी पात्र लाभार्थियों को कोविड-19 टीकाकरण करवाने के लिए आगे आना चाहिए और कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लगवाकर टीकाकरण कार्यक्रम सफल बनाने में अपना सहयोग करना चाहिए.
संपूर्ण टीकाकरण होने के बाद इस महामारी के संक्रमण के संभावित प्रसार को कम किया जा सकता है, जिससे हम बच्चों को संक्रमण के खतरे से बचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसी विद्यार्थी में बुखार, गले में खराश, खांसी, दस्त, स्वाद में कमी, सूंघने या किसी अन्य कोविड-19 संबंधित लक्षण दिखाई देने पर, उसे कोविड-19 जांच के लिए शीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए. उन्होंने शिक्षकों, माता-पिता, बुजुर्गो से बच्चों को मास्क पहनने, नियमित रूप से हाथ धोने या सैनिटाइजर का उपयोग करने और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया है.