शिमला:केंद्र सरकार द्वारा बजट सत्र में राष्ट्रीय बैंकों के लिए लाए जा रहे बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल का यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर विरोध करने जा रही है. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने भी बैंक यूनियनों के विरोध (Congress Against Banking Law Amendment Bill) को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है. (congress supporting bank unions). कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्र सरकार पर सुनियोजित ढंग से बैंकों का निजीकरण (congress against privatization of banks) करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि इसका देश की सरकारी बैंकिंग व्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस प्रकार का प्रस्ताव देश में बैंकों के निजीकरण को बढ़ावा देते हुए पूंजीपतियों को लाभ देने का एक बड़ा षडयंत्र है.
कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कुलदीप सिंह राठौर (kuldeep rathore press conference) ने प्रस्तावित बिल पर केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ जनमत खड़ा करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बैंकों की यूनाइटेड फॉर्म ऑफ बैंक यूनियन के साथ (Congress Supporting United Form of Banks Union) खड़ी है और उन्हें इसके विरोध में अपना पूरा जन समर्थन देगी. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में बैंकों का एक प्रतिनिधिमंडल (delegation of banks meets kuldeep) शनिवार को उनसे मिला और उन्होंने इस बिल को लेकर अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत करवाया.
कुलदीप सिंह राठौर (Congress President Kuldeep Singh Rathore) ने कहा कि देश के विकास में इन राष्ट्रीय कृत बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी ने 19 जुलाई 1969 को 14 कमर्शियल बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर इनको सरकार के अधीन किया था. तबसे आजदिन तक यह बैंक देश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब विश्व में मंदी का दौर आया तो भी भारत देश में इन बैंकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश की अर्थव्यवस्था को डांवाडोल नहीं होने दिया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं पर भी यही बैंक अपनी उदारता से लोगों को ऋण देते है.