शिमला:अपनी मांगों को लेकर क्रमिक अनशन पर बैठे करुणामूलक आश्रितों (compassionate dependents fasting) को एक साल हो गया है. पिछले 365 दिनों से शिमला कालीबाड़ी के समीप रेन शेल्टर में आश्रित अनशन पर बैठे हैं. लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से इन आश्रितों की कोई सुध नही ली जा रही हैं. वहीं अनशन का एक साल पूरा होने पर करुणामूलक आश्रितों ने शुक्रवार को शिमला उपायुक्त कार्यालय से शेरे पंजाब (Shimla DC office to Shere Punjab) तक आक्रोश रैली निकाली और सरकार को 13 अगस्त तक आश्रितों की मांगों को पूरी करने का अल्टीमेटम दिया है.
करुणामूलक आश्रितों के अनशन का एक साल, शिमला में निकाली आक्रोश रैली
करुणामूलक आश्रितों को अनशन पर बैठे हुए 1 साल पूरा हो (Compassionate dependents fasting) गया. लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांगों को नहीं माना. जिसके चलते आज उन्होनें शिमला उपायुक्त कार्यालय से शेरे पंजाब (Shimla DC office to Shere Punjab) तक आक्रोश रैली निकाली. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) से निवेदन किया हे कि वो जल्द से जल्द आकर हमसे मिले या फिर किसी मंत्री को हमारे पास भेजे. ताकि हम अपनी मांगे सरकार के सामने रख सके.
करुणामूलक आश्रित संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि आज करुणामूलक आश्रितों को शिमला में क्रमिक भूख हड़ताल में बैठे हुए एक साल पुरा हो गया है. आश्रित एक साल से कड़ाके की ठंड बरसात में अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन ये सरकार उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नही दे रही है. उन्होंने कहा कि संघ समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों व यूनिवर्सिटी में लंबित पड़े क्लास-सी के करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों के मामलों छठे वेतन आयोग में छूट देकर जो सात मार्च, 2019 की पॉलिसी में आ रहे हैं, उनको वन टाइम सेटलमेंट के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियां देने और पॉलिसी में संशोधन करने व 62,500 एक सदस्य सालाना शर्त को हटाने की मांग कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इसको लेकर कई बार ज्ञापन भी सौंपे गए, लेकिन ये सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है. आज एक साल पूरा होने पर आक्रोश रैली निकाली (DC office Shimla) गई है और अगर ये सरकार विधानसभा मानसून सत्र से पहले कोई फैसला नहीं लेती है तो करुणामूलक आश्रित संघ उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगे. उन्होंने कहा कि मांगें पूरी न होने पर विधानसभा का घेराव किया जाएगा.