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रिज मैदान पर डॉ. यशवंत सिंह परमार को CM ने अर्पित की पुष्पाजंलि, बोले- उन्हें कभी नहीं भूल सकते - jairam thakur pays tribute to dr yashwant singh parmar

हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार की आज 115वीं जयंती है. इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रिज पर स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की. वहीं, विधानसभा में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जयराम ठाकुर (CM jairam thakur) ने कहा कि डॉ. परमार का हिमाचल के लिए सराहनीय योगदान रहा है.

CM jairam pays tribute to yashwant singh parmar
यशवंत सिंह परमार को CM जयराम ने अर्पित की पुष्पाजंलि

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Published : Aug 4, 2021, 2:03 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने रिज पर स्थित हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार (First Chief Minister of Himachal Pradesh Dr. YS Parmar) की 115वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की. इसके बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा परिसर शिमला में आयोजित एक समारोह में भाग लेते हुए भी डॉ. परमार के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की.

विधानसभा में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जयराम ठाकुर (CM jairam thakur) ने कहा कि डॉ. परमार का हिमाचल के लिए सराहनीय योगदान रहा है. उनकी भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता. डॉ. परमार ने हिमाचल निर्माण के समय जो सपना देखा था उसे पूरा करने के लिए में अपनी भूमिका निभाने की पूरी कोशिश करूंगा. जयराम ठाकुर ने कहा कि डॉ. परमार हमेशा ही प्रदेशवासियों के लिए आदरणीय रहे हैं. हम सबको उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए.

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विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार (Assembly Speaker Vipin Singh Parmar), विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri), जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Jal Shakti Minister Mahender Singh Thakur), संसदीय मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज (Cabinet minister suresh bhardwaj), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चैधरी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल, ऊर्जा मंत्री सुखराम चैधरी, विधानसभा के उपाध्यक्ष हंसराज, मुख्य सचेतक बिक्रम जरयाल, उप मुख्य सचेतक कमलेश कुमारी समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस अवसर पर डॉ. परमार को पुष्पांजलि अर्पित की.

बता दें कि हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार ही थे, जिन्होंने एलएलबी और पीएचडी होने के बावजूद धन-दौलत या उच्च पदों का लोभ नहीं किया, बल्कि सर्वस्व प्रदेशवासियों को पहाड़ी होने का गौरव दिलाने में न्योछावर कर दिया. समय के इस दौर में जब राजनेता करोड़ों-अरबों की संपत्ति के मालिक हैं, हिमाचल निर्माता ने जब संसार छोड़ा तो उनके खाते में महज 563 रुपए तीस पैसे थे. बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. वाईएस परमार का सारा जीवन ईमानदारी से गुजरा और उन्होंने अपने लिए कोई संपत्ति नहीं बनाई.

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