शिमला:मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव (By election in Himachal Pradesh) ना करवाने का अंतिम फैसला चुनाव आयोग का है. राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) को प्रदेश की मौजूदा स्थिति के बारे में हर पहलू से अवगत करवाया था. सारी स्थितियों का जायजा लेने के बाद ही आयोग की तरफ से चुनाव टाले गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. सोमवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय हिमाचल बरसात के कारण हुए जान और माल के नुकसान से जूझ रहा है.
सीएम ने हिमाचल में आठ सौ करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. इसके अलावा साढ़े तीन सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा कुछ समय से कोरोना के मामलों में भी उतार चढ़ाव आ रहा है. फिर हिमाचल में सेब बहुल इलाकों में बागवान बागीचों से सेब तुड़ान कर रहे हैं. फिर समय-समय पर अलग-अलग स्थानों पर हो रहे लैंडस्लाइड से रास्ते बाधित हो रहे हैं. इन सब पहलुओं को देखते हुए चुनाव आयोग ने विवेक से फैसला लेते हुए उपचुनाव टाले हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दल होने के नाते भाजपा की चुनावी तैयारियां पूरी हैं. संगठन नियमित रूप से अपनी गतिविधियां कर रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे और उनके कैबिनेट सहयोगी लगभग हर विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं. इसलिए उन्हें चुनावों से किसी प्रकार का कोई डर नहीं है. एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही इलेक्शन कमीशन तिथियां जारी करेगा, हम हमेशा चुनावों के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि ट्राइबल क्षेत्रों के बचे हुए पंचायत चुनाव का शेड्यूल पहल जारी हो चुका था. इसलिए इन चुनावों को टाला नहीं जा सकता. इसके अलावा कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (third wave of corona infection) की आशंका अभी भी जारी है. ऐसे में प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान कोरोना संक्रमण से निपटने में लगा है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों जुब्बल कोटखाई, फतेहपुर और अर्की में उपचुनाव होने थे. फतेहपुर विधानसभा सीट कांग्रेस नेता सुजान सिंह पठानिया के निधन के बाद खाली हुई थी. जुब्बल कोटखाई सीट भाजपा विधायक नरेंद्र बरागटा के निधन के बाद खाली हुई थी. अर्की सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Former Chief Minister Virbhadra Singh) के निधन के बाद खाली हुई थी.