शिमला: देशभर में हिमाचल ने इमरजेंसी रिस्पांस स्पोर्ट सिस्टम या ट्रैकिंग सिस्टम सबसे पहले लागू किया है. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि छोटा प्रदेश भी बड़ा काम कर सकता है. रोजमर्रा की जिंदगी में अब तकनीक का प्रयोग करना अति आवश्यक हो गया है. इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम को लागू करने (Jairam Thakur inaugurates Vehicle Location Tracking Device) पर सीएम ने विभाग के अधिकारियों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि सचिवालय के नए भवन में भी कंट्रोल एन्ड कमांड सेंटर स्थापित किया जाएगा.
सीएम ने कंट्रोल एन्ड कमांड सेंटर के अपने पिछले अनुभव को सांझा किया. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि गुजरात में सीएम एक बार कंट्रोल एन्ड कमांड सेंटर ले गए वहां पर सीएम के साथ इसका लाइव डेमो देखा. उन्होंने दिखाया कि टोल बेरियर पर ट्रक वाले ने पैसे दिए. वह पैसे किन्नरों को दिए, ये सब लाइव वहां चल रहा था. गुजरात के सीएम ने बताया कि यहां इस प्रकार का रिवाज है किन्नरों को कुछ ना कुछ दिया जाता है.
सीएम ने कहा कि पहाड़ी प्रदेश में इस प्रकार की व्यवस्था को लगाना सहायक होगा. उन्होंने कहा कि इससे अपराध रोकने में भी मदद मिलेगी. सीएम ने कोटखाई के गुड़िया मामले का जिक्र भी किया और कहा कि सरकार बनने के बाद गुड़िया हेल्पलाइन शुरू की और बेटियों को सहायता पहुंचाई. इसी प्रकार यह योजना भी सहायक सिद्ध होगी. सीएम ने कहा कि पहाड़ी इलाके होने के कारण कई बार सड़क दुर्घटनाओं का पता देरी से चलता है और जिन लोगों को बचाया जा सकता उन्हें नहीं बचाया जा सकता. सीएम ने बंजार सड़क दुर्घटना के बाद बचाव कार्यों में देरी का मामला भी उठाया.
अगस्त महीने में प्रदेश में और ई बसें आने वाली हैं. यह बसें शिमला और धर्मशाला में चलाई जाएंगी. सीएम ने कहा कि एचआरटीसी का प्रदेश में बहुत बड़ा योगदान रहा है.
सीएम ने कहा कि यातायात के नियमों में जानकारी की कमी न रहे इसके लिए स्कूलों में यातायात के नियम पढ़ाए जा रहे हैं. ताकि आने वाले समय मे यातायात और सुरक्षित हो सके. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2021 तक स्टेज कैरिज, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और शैक्षणिक संस्थानों की बसों के टोकन टैक्स, एसआरटी और पीजीटी में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की है ताकि ट्रांसपोर्टरों को इस कठिन समय के दौरान राहत मिल सके.
उन्होंने कहा कि इस पहल से ट्रांसपोर्टरों को 164 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि 9423 से अधिक वाहनों को इस प्रणाली से जोड़ा गया है और पिछले एक साल दौरान इन वाहनों की यात्रा का पूरा विवरण निगरानी केंद्र में उपलब्ध होगा. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है. राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, 2022 लागू की है. उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक कुल 1150 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण के समय पंजीकरण शुल्क और टोकन टैक्स में शत-प्रतिशत छूट प्रदान कर रही है.
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