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प्रदेश में चल रही परियोजनाओं के कार्य में अनावश्यक देरी को गंभीरता से लिया जाएगा: CM

प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की.जयराम ठाकुर ने कहा कि विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति को हिम प्रगति पोर्टल पर शीघ्र अपलोड किया जाना चाहिए, ताकि इन परियोजनाओं की नियमित रूप से उच्च स्तरीय निगरानी की जा सके और इनके क्रियान्वयन में अनावश्यक देरी से बचा जा सके.

सीएम ने अधिकारियों के साथ की बैठक
सीएम ने अधिकारियों के साथ की बैठक

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Published : Jan 4, 2021, 7:40 PM IST

शिमला: परियोजनाओं के कार्य में हो रही अनावश्यक देरी को गंभीरता से लिया जाएगा और इसके लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जवाबदेही अन्य अधिकारियों पर स्थानांतरित न की जाए. प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी ने प्रदेश के विकास को बुरी तरह से प्रभावित किया है. अब स्थिति नियंत्रण में लग रही है और नुकसान की भरपाई के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए.

10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए तैयार

मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 व 8 नवंबर 2019 को आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट ने 96 हजार करोड़ रुपये निवेश के समझौता ज्ञापनों को आकर्षित किया था. उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दो माह के भीतर 13 हजार 500 करोड़ रुपये की हस्ताक्षरित परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की गई थी. 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए तैयार है. उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के फॉलो-अप के निर्देश दिए, ताकि इन्हें अमल में लाया जा सके.

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परियोजनाओं की नियमित रूप से उच्च स्तरीय निगरानी

जयराम ठाकुर ने कहा कि विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति को हिम प्रगति पोर्टल पर शीघ्र अपलोड किया जाना चाहिए, ताकि इन परियोजनाओं की नियमित रूप से उच्च स्तरीय निगरानी की जा सके और इनके क्रियान्वयन में अनावश्यक देरी से बचा जा सके. अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य की सभी प्रमुख परियोजनाएं समयबद्ध पूर्ण हो. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लगभग एक वर्ष खराब हो गया है, इसलिए कार्य और दृढ़ता से किए जाने चाहिए, ताकि इन्हें निर्धारित समय पर पूर्ण किया जा सके. पूर्ण हो रही परियोजनाओं पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें शीघ्र पूरा किया जा सके. इससे न केवल परियोजनाओं की लागत में वृद्धि पर रोक लगेगी, बल्कि प्रदेश के लोग भी इससे लाभान्वित होंगे.

हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों का सक्रियता से फॉलो-अप किया जाना चाहिए

जयराम ठाकुर ने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों का सक्रियता से फॉलो-अप किया जाना चाहिए, ताकि इन्हें शीघ्र क्रियान्वित किया जा सके. उन्होंने कहा कि कृषि, शिक्षा, आवास, उद्योग आदि से संबंधित हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों में तेजी लानी चाहिए और वन तथा अन्य स्वीकृतियां उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए. उन परियोजनाओं पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, जो अधिक व्यवहारिक है और डवेल्पर जिन्हें शीघ्र पूर्ण करने के इच्छुक हैं. मलवे की डंपिंग के लिए उपयुक्त स्थान चिन्हित किया जाना चाहिए, ताकि निष्पादनकर्ता को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि उद्यमियों को सभी प्रकार की स्वीकृतियां निर्धारित समय पर उपलब्ध करवाई जानी चाहिए, ताकि वे परियोजनाओं का कार्य आरंभ कर सकें.

चल रही परियोजनाओं को विशेष बल मिलेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन निवेशकों ने प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं, उनके साथ अलग से बैठक आयोजित की जानी चाहिए, ताकि उनकी समस्याओं को शीघ्र सुलझाया जा सके. उन्होंने कहा कि इससे निवेशकों को उनकी समस्याएं सरकार के समक्ष रखने का अवसर प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि इससे उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान में सहायता मिलेगी और चल रही परियोजनाओं को विशेष बल मिलेगा.

घोषणाओं को विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए

जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं को विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए. सभी प्रारंभिक कार्य जैसे कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं के बारे में आंकलन और ड्रॉइंग इत्यादि एक माह के भीतर कार्यान्वित किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश अपने पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष मना रहा है. इसलिए अधिकारियों को इस समारोह को शानदार तरीके से मनाने के लिए सुझाव देने चाहिए. प्रदेश सरकार राज्य की स्वर्ण जयंती को मनाने के लिए 51 इवेंट आयोजित करने की योजना बना रही है.

परियोजनाओं की निगरानी के तंत्र करें विकसित

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपायुक्तों को अपने जिले में चल रही परियोजनाओं की निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आम तौर पर कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का कार्य छोटे-छोटे कारणों से अधूरा रहता है, जिन्हें उनमें हस्तक्षेप से सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में देरी को गंभीरता से लिया जाएगा और जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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