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कोरोना संक्रमण से निपटने में सफल हुई हिमाचल सरकार : CM जयराम ठाकुर

हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सीएम जयराम ठाकुर ने कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए निर्णयों को बताया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जब ये वायरस प्रदेश में प्रवेश हुआ और दो मामले सामने आए उस वक्त प्रदेश में एक भी टेस्ट करने की सुविधा नहीं थी, लेकिन उसके बाद हम आगे बढ़े और अब प्रदेश में 5000 से अधिक लोगों के एक समय में टेस्ट किए जा सकते हैं.

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हिमाचल विधानसभा सत्र

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Published : Sep 9, 2020, 1:40 PM IST

शिमला:हिमाचल विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है. इसी बीच पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना संक्रमण से भारत सरकार और प्रदेश सरकार दृढ़ता के साथ निपट रही है. उन्होंने कहा कि जब ये वायरस प्रदेश में प्रवेश हुआ और दो मामले सामने आए उस वक्त प्रदेश में एक भी टेस्ट करने की सुविधा नहीं थी, लेकिन उसके बाद हम आगे बढ़े और अब प्रदेश में 5000 से अधिक लोगों के एक समय में टेस्ट किए जा सकते हैं.

सीएम ने कहा कि अभी तक प्रदेश में वेंटिलेटर की कुल संख्या 60 थी, लेकिन आज हिमाचल प्रदेश में 640 वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें से 500 वेंटिलेटर केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही में दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पूरी दुनिया के साथ हिमाचल प्रदेश में भी वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. दुनिया में कोरोना के कारण 9 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. भारत में कोरोना के मामले दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक हैं, लेकिन कोरोना के कारण मृत्यु दर में भारत ने नियंत्रण पा लिया है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आज कांग्रेस शासित राज्यों में कोरोना की स्थिति बेहद गंभीर है और कोरोना से ग्रसित लोगों की मृत्यु दर बेहद चिंताजनक बनी हुई है. हिमाचल प्रदेश में जितने केस एक्टिव हैं. उससे ज्यादा पंजाब में कोरोना से मौतें हुई हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना की सबसे कम मामले सामने आए हैं और लोगों की मौतें भी कम हुई हैं.

सीएम ने कहा कि विपक्ष की तरफ से नियम 67 के तहत चर्चा के लिए यह विषय लाया गया था और कोरोना पर चर्चा गंभीर रूप से होनी चाहिए थी, लेकिन विपक्ष के सदस्य कभी सड़कों का विषय बीच में ला रहे थे, तो कभी बिजली का इससे विपक्ष की गंभीरता को समझा जा सकता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं. लोग सामूहिक स्थानों पर इकट्ठे ना हो, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को लागू किया गया.

सीएम ने कहा कि प्रदेश में 6 मार्च 2020 से बायोमेट्रिक मशीन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया, क्योंकि बायोमेट्रिक मशीन में उंगली लगानी पड़ती है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. प्रदेश सरकार ने 12 मार्च 2020 को प्रदेश में खेलों के आयोजन पर भी रोक लगा दी, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. उसी प्रकार सभी स्कूलों और सिनेमाघरों को बंद करने की अधिसूचना 14 मार्च को जारी की गई थी, जबकि 16 मार्च को धार्मिक संस्थानों को बंद करने की अधिसूचना जारी हुई थी, ताकि वायरस को कंट्रोल किया जा सके.

सीएम ने कहा कि उसी प्रकार सामूहिक सामाजिक उत्सव पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया और 17 मार्च तक सोशल गैदरिंग पब्लिक मीटिंग को बंद कर दिया गया. वहीं, 19 मार्च को अधिसूचना जारी करके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटकों को हिमाचल में आने पर रोक लगा दी गई. उन्होंने ने कहा कि ये निर्णय लेना बहुत कठिन था, क्योंकि पर्यटन हिमाचल प्रदेश रोजगार और आय का बहुत बड़ा साधन है.

जयराम ठाकुर ने कहा कि 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लागू किया गया था और उसी दिन कांगड़ा जिला में कोरोना के मामला सामने आने पर सबसे पहले कांगड़ा जिला में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. इसी प्रकार 23 मार्च को जब प्रदेश में पहली कोरोना से मौत हुई थी, तभी विधानसभा के बजट सत्र के चलते हुए प्रदेश सरकार ने निर्णय ता किया कि विधानसभा सत्र को यहीं खत्म कर दिया जाए और उसी दिन पूरे हिमाचल प्रदेश में कर्फ्यू लगाया जाए.

सीएम ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना संकट काल में सभी राज्यों के सीएम से बात की थी. तभी उन्होंने हिमाचल प्रदेश की सराहना की थी, कि कोरोना से निपटने के लिए बहुत अच्छे इंतजाम किए गए हैं.

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