शिमला:चंडीगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मादक द्रव्यों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित सम्मेलन में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि (conference on Drug Trafficking and National security in Chandigarh) पिछले चार साल में एनडीपीएस के तहत 5855 मामले दर्ज किए हैं. इन मामलों में 7938 अपराधियों को किया गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार मादक द्रव्यों की तस्करी और नशे जैसी सामाजिक बुराई के समूल नाश के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने (CM Jairam Thakur) कहा कि नशे के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अंतर्गत मादक द्रव्यों के उद्गम स्थल से लेकर नशीले पदार्थों के उपयोग वाले स्थान तक के नेटवर्क को समाप्त करने के उद्देश्य से मादक द्रव्यों के उत्पादक और आपूर्तिकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत प्रदेश स्तर पर राज्य मादक द्रव्य अपराध नियंत्रण इकाई स्थापित की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे के विरुद्ध तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019 में टोल फ्री नशा निवारण हेल्पलाइन नम्बर 1908 आरंभ की गई है. इस हेल्पलाइन का मुख्य उद्देश्य आमजन को मादक पदार्थों के तस्करों की जानकारी साझा करने की दिशा में प्रोत्साहित करना और नशा पीड़ितों एवं उनके अभिभावकों को व्यसन मुक्ति के संदर्भ में परामर्श प्रदान करना है. इस हेल्पलाइन पर मादक द्रव्यों के संबंध में जानकारी देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाती है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में ही एक मोबाइल ऐप ड्रग फ्री हिमाचल भी आरंभ की है. उन्होंने कहा की इस एप पर लोग अपनी पहचान बताए बिना मादक पदार्थों की तस्करी, बिक्री और उपयोग की सूचना पुलिस विभाग को प्रदान कर सकते हैं.
इस ऐप को 42000 नागरिकों द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इस एप पर अभी तक नशे के विरुद्ध 2194 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. इन सूचनाओं के आधार पर नशा तस्करों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मादक पदार्थ रोकथाम नीति के तहत नशा उत्पादन, तस्करी एवं सेवन इत्यादि की रोकथाम के लिए पुनर्वास, व्यसन मुक्ति और वैकल्पिक विकास कार्यक्रम की दिशा में विस्तृत नीति बनाई जा रही है.