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पेगासस की फर्जी कहानी मानसून सत्र में बाधा पहुंचाने को विपक्ष का प्रयास: जयराम ठाकुर

प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर ने कहा कि मानसून सत्र से ठीक पहले सदन की कार्यवाही के रोकने के उद्देश्य से फोन टेपिंग जैसा मुद्दा सदन में उठाया जा रहा है. इस तरह के मुद्दे उठाकर विपक्ष जनता की उम्मीदों को धूमिल करने का प्रयास कर रहा है. कांग्रेस जानबूझकर इस तरह का बेबुनियाद एजेंडा खड़ा करने की कोशिश कर रही है.

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Published : Jul 20, 2021, 8:29 PM IST

शिमला: संसद का सत्र केंद्र में चल रहा है और बहुत ही दुख के साथ कहना पड़ रहे है कि विपक्ष एक मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा है, जिसमें कोई सत्यता नहीं है. यह इसलिए हो रहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हाल ही में जब सत्र शुरू हुआ तो फोन टेपिंग का नया मुद्दा शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से कोई मुद्दा उठाया जाए, इसलिए यह मुद्दा उठाया गया.

जयराम ठाकुर ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार हुआ है. जिसमें हर वर्ग को प्रतिनिधित्व का अवसर मिला है, इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि विपक्ष ने यह मुद्दा उठाया. विपक्ष ने 18 जुलाई को मीडिया में यह रिपोर्ट दी. मानसून सत्र से ठीक पहले सदन रोकने के उद्देश्य से यह मुद्दा सदन में उठाया. मीडिया रिपोर्ट में एक भी फैक्ट ऐसा नहीं दिखाया गया जिसमें सत्र को रोकने के लिए कारण मिले. उन्होंने कहा कि 19 जुलाई को शुरू हुए इस सत्र से देश के लोगों को पूरी उम्मीदें है. लेकिन विपक्ष का इस प्रकार का रवैया जनता की उम्मीदों को धूमिल करने का एक प्रयास है. यह पूरा मुद्दा तथ्य से परे हैं.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पेगासस की फर्जी कहानी मानसून सत्र से ठीक पहले क्यों गढ़ी गई? क्या इसे मानसून सत्र से ठीक पहले लाना कुछ लोगों की पूर्व नियोजित रणनीति थी? जानबूझकर मानसून सत्र के समय सदन को बाधित करने और देश में बेबुनियाद एजेंडा खड़ा करने की कोशिशें की जा रही है और इसका कारण यह है कि कांग्रेस पार्टी अब सिमट रही है और हार रही है.

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जयराम ठाकुर ने कहा इस फर्जी कहानी से भारत सरकार को जोड़ने वाले साक्ष्य का एक भी सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है. यह फर्जी रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और इसकी सुस्थापित संस्थाओं को बदनाम करने का प्रयास प्रतीत होती है. उन्होंने कहा क्या हम इस बात से इनकार कर सकते हैं कि एमनेस्टी जैसी संस्थाओं का कई मायनों में भारत विरोधी घोषित एजेंडा रहा है ? जब हमने उनसे कानून के अनुसार उनके विदेशी फंडिंग के बारे में पूछा तो वे भारत से अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया. इस रिपोर्ट में संदिग्ध लोगों के साथ सांठगांठ चलाने वाले विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भी संलिप्तता है.

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यह शर्मनाक है कि कांग्रेस जैसी पार्टियां ऐसे संगठनों की लाइन को तोते की तरह दोहरा रही हैं. यदि हमारे विपक्षी दल 'सुपारी' एजेंटों के रूप में शामिल हैं तो यह भारत के लिए एक नया निम्न स्तर है. उन्होंने कहा 2013 के एक आरटीआई के जवाब से पता चला कि उस समय कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा हर महीने लगभग 9,000 फोन और 500 ईमेल खातों की निगरानी की जाती थी. यह भी सर्वविदित है कि हरियाणा के दो सिपाही राजीव गांधी के आस पास देखे गए तो उन्होंने केंद्र में चंद्रशेखर की सरकार गिरा दी थी.

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