शिमला: संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की आज 131वीं (bhimrao ambedkar 131st birth anniversary) जयंती पूरे देश भर में धूमधाम से मनाई जा रही है. वहीं हिमाचल प्रदेश में भी जगह-जगह अंबेडकर की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे (bhimrao ambedkar birth anniversary) हैं. इसी के तहत राजधानी शिमला में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को शिमला स्थित अंबेडकर चौक पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत के संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने समरसता, सौहार्द और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए योगदान (cm jairam on bhimrao ambedkar) दिया. उन्होंने समाज के पिछड़े वर्गों और गरीबों के कल्याण एवं उनके अधिकारों के लिए जीवन-भर कार्य किया. उन्होंने कहा कि हमें उनके जीवन मूल्यों और आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए.
शिमला में भीमराव अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम. इससे पूर्व के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी. सीएम जयराम ने ट्वीट किया, ''भारतीय संविधान के शिल्पकार, महान समाज सुधारक भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती पर उन्हें शत शत नमन.'' वहीं अंबेडकर की जयंती अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने भक्ति संगीत प्रस्तुत किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, महापौर नगर निगम शिमला सत्या कौंडल, हिमफेड के अध्यक्ष गणेश (Ambedkar Jayanti Celebrations in Shimla) दत्त, उप-महापौर शैलेंद्र चौहान, नगर निगम के पार्षद, पूर्व महापौर व पार्षद, पूर्व विधायक और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी और पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका भी मौजूद रहें.
बता दें, डॉ. अंबेडकर एक प्रख्यात कानूनविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे. उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन के साथ-साथ महिलाओं और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम (Ambedkar Jayanti 2022 ) उठाए. भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे. डॉ. अंबेडकर वर्ण व्यवस्था तथा छुआछूत के खिलाफ थे. उन्होंने अपने जीवन काल में वर्ण व्यवस्था का पुरजोर विरोध किया था.
बाबा साहेब अंबेडकर ने दलितों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए. उन्होंने समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए संघर्ष किया गया और मुहिम (JAIRAM PAY TRIBUTE TO DR BR AMBEDKAR) चलाई. डॉ. भीमराव अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. भारत सरकार ने 2015 में 14 अप्रैल को देशभर में आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया.
ऊना में डॉक्टर अंबेडकर की जयंती पर कार्यक्रम:ऊनाजिला मुख्यालय के एमसी पार्क के नजदीक आज संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई गई. गुरु रविदास सभा की जिला इकाई द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. कार्यक्रम के दौरान जहां सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कलाकारों ने उपस्थित लोगों का मन मोहा. वहीं, दूसरी तरफ कार्यक्रम में मौजूद तमाम वक्ताओं ने बाबासाहेब अंबेडकर के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए समाज को समरसता का संदेश दिया.
जिला मुख्यालय पर गुरु रविदास महासभा की जिला इकाई द्वारा संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर उच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे. इस मौके पर न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी ने समाज के सभी वर्गों को सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर को यदि सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करनी है तो उसके लिए उनके दिखाए मार्ग पर चलना बेहद जरूरी होगा.
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