शिमला: प्रदेश में सड़कों की हालत को तेजी से सुधारने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मरम्मत कार्यों तेजी लाने के निर्देश दिए और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत भी दिए. मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से भी कार्यों में तेजी लाने का आग्रह किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एनएचएआई की योजनाओं पर बैठक में लंबी चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि इस बारे में एनएचएआई के अधिकारियों से बात की जा रही है ताकि सड़कों के रख-रखाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. इससे यात्रियों को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने एनएचएआई अधिकारियों को कीरतपुर-नेरचौक-मनाली और परवाणू-सोलन-ढली राष्ट्रीय राजमार्ग पर काम में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ये दोनों सड़कें राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों शिमला और मनाली को जोड़ती हैं इसलिए इन्हें समयबद्ध पूरा करने पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार नाबार्ड के अन्तर्गत तय किए गए वित्तीय लक्ष्यों और उपलब्धियों को हासिल करने में विलम्ब को गंभीरता से लेगी क्योंकि इससे न केवल परियोजना की लागत में वृद्धि होती है बल्कि राज्य के वित्त पोषण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगी. जय राम ठाकुर ने कहा कि विभाग को प्रदेश के प्रमुख जिलों और गांवों की सड़कों के पैच वर्क और टारिंग के लिए एक विशेष अभियान चलाना चाहिए ताकि यात्रियों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े.
उन्होंने अधिकारियों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान करने के भी निर्देश दिए और भूस्खलन की संभावना को कम करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि अधीक्षण अभियंता एवं अन्य फील्ड अधिकारी सड़कों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित कर उच्चाधिकारियों को नियमित रूप से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें. मुख्यमंत्री ने फील्ड अधिकारियों को हर पखवाड़े कार्यों की प्रगति की समीक्षा करने और इनकी नियमित निगरानी करने के भी निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि कार्यों में पूरी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए और इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नाबार्ड और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से संबंधित परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए. वर्ष 2018-19 से नाबार्ड के अन्तर्गत 5834 करोड़ रुपये में से 1977 करोड़ रुपये की 401 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई हैं. नाबार्ड के साथ 898 करोड़ रुपये की 167 परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जांच के दायरे में और 349 करोड़ रुपये की 39 परियोजनाएं योजना विभाग के पास हैं.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान सीआरआईएफ के अन्तर्गत 195 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं जबकि 64 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं. उन्होंने अधिकारियों को स्वीकृत परियोजनाओं को शीघ्र आवंटित करने के निर्देश दिए ताकि इन परियोजनाओं पर शीघ्र कार्य शुरू किया जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अब तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 21859 किलोमीटर लम्बाई की 3683 सड़कों की स्वीकृति मिल चुकी है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, पुलिस, आयुर्वेद और पशुपालन विभाग सहित छह प्रमुख विभागों से सम्बन्धित 702 विकासात्मक कार्य क्रियान्वित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि निधि का पुनर्विनियोजन किया जाना चाहिए ताकि पूर्ण होने वाली परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जा सके. उन्होंने अधिकारियों को महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संसाधन जुटाने के भी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परिवर्तन (ट्रांसफाॅरमेशन) परियोजना सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसके माध्यम से 2000 किलोमीटर के मुख्य सड़क नेटवर्क को रणनीतिक रूप से परिवर्तित करने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि 650 किलोमीटर राज्य सड़क नेटवर्क का उन्नयन किया जाना प्रस्तावित है जबकि 1350 किलोमीटर सड़कों का समय-समय पर रखरखाव किया जाना है.
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