किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर महोत्सव में इस बार चुल्ली के तेल का व्यापार भी चल रहा है. बाजार में स्थानीय महिलाओं ने मिलकर चुल्ली के तेल के स्टॉल लगाए हैं. चुल्ली के तेल की मांग देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है.
औषधिय गुणों से भरपूर है किन्नौरी चुल्ली का तेल, जानें इसके फायदे
किन्नौर महोत्सव में इस बार चुल्ली के तेल का स्टॉल स्थानीय महिलाओं द्वारा लगाया गया है. इस तेल से आंखों की रोशनी तेज होती है और बच्चों के शरीर की मालिश करने से उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं.
बता दें कि जिला किन्नौर अपने खानपान के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. उसी में से एक हिस्सा चुल्ली का तेल है. चुल्ली को अंग्रेजी में (Apricot) कहा जाता है. चुल्ली के तेल को बनाने की प्रक्रिया बहुत कठिन है और इसमें बहुत समय लगता है. चुल्ली को पहले मशीन या पत्थर के गड्ढों में पिसा जाता है, जिसके बाद गिरियों से तेल निकलता है.
चुल्ली के तेल को आयुर्वेद में औषधि का दर्जा भी मिला है. इस तेल से आंखों की रोशनी तेज होती है और बच्चों के शरीर की मालिश करने से उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं. इस तेल को बीते महीने ही प्रदेश सरकार ने पेटेंट करवाया है. जिसके बाद इसकी कीमतों में बड़ी मात्रा में उछाल आया है. बाहरी राज्यों में एक लीटर तेल एक हजार रुपये का बिकता है.