शिमला: राजधानी शिमला में रविवार को ईसाई समुदाय के लोगों ने ईस्टर का पर्व मनाया. यह पहली बार था जब ईस्टर पर शिमला के चर्च के द्वार पूरी तरह से बंद रहे. कोरोना की वजह से प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल बंद हैं. ऐसे में लोग प्रार्थना के लिए चर्च नहीं आ सके.
शिमला के क्राइस्ट चर्च के साथ ही ऐतिहासिक कैथोलिक चर्च में ईस्टर पर विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया. जिसमें ईसाई समुदाय के लोग तो शामिल नहीं हो सके लेकिन क्राइस्ट चर्च में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्हें प्रार्थना से जोड़ा गया. वहीं, कैथोलिक चर्च में मात्र पादरी सहित एक दो अन्य लोगों ने विशेष प्रार्थना सभा में भाग लिया.
शिमला के सभी चर्च में विशेष प्रार्थना में शांति अमन की कामना की गई और इस वैश्विक महामारी से निजात दिलाने के लिए भी प्रभु यीशु मसीह से कामना की गई. गुड फ्राइडे के बाद वाले रविवार को ईस्टर के रूप में मनाया जाता है. ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की मान्यता है कि गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद यानी कि रविवार को ईसा मसीह सूली पर चढ़ने के बाद दोबारा जीवित हो गए थे. वह दोबारा जीवित होने के बाद 40 दिन तक अपने शिष्यों के बीच रहे थे और अंत मे स्वर्ग चले गए. तभी से यह दिन ईस्टर के रूप में मनाया जाता है.