शिमला:कोरोना काल के दौरान मोबाइल पर पढ़ाई और गेम खेलने का असर अब बच्चों में देखने को मिल रहा है. आईजीएमसी में लगभग 20 फीसदी बच्चे हर महीने अपनी आंखों का चेकअप करवाने के लिए आ रहे हैं. कोरोना काल के दौरान बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही थी, जिस कारण उन्हें मोबाइल का अधिक प्रयोग करना पड़ रहा था.
आंखों के इलाज के लिए IGMC पहुंच रहे बच्चे: आईजीएमसी शिमला के नेत्र रोग विशेषज्ञ और एचओडी डॉक्टर राम लाल (Doctor Ram Lal Sharma Ophthalmology) ने बताया कि अस्पताल में हर महीने 20 फीसदी बच्चे आंखों के (Children coming to IGMC for eye treatment) चेकअप के लिए आ रहे हैं. हालांकि, अभी तक आंखों का मेजर केस नहीं आया है, लेकिन कोरोना काल में मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने का असर अब बच्चों में देखने को मिल रहा है.
स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखो के लिए हानिकारक: डॉ. राम लाल ने बताया कि मोबाइल फोन का लगातार प्रयोग कर रहे हैं तो 20 मिनट के बाद ब्रेक जरूर दें. उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप की स्क्रीन से नीली रोशनी निकलती है, जो आंखों को अधिक प्रभावित करती है. आमतौर पर प्रति मिनट 12 से 14 बार आंखें झपकती हैं, लेकिन मोबाइल स्क्रीन पर बने रहने पर छह से सात बार ही झपकती हैं. ऐसे में सूखापन बढ़ने से आंखें कमजोर हो रही हैं.