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चैत्र नवरात्रि: शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं ने टेका माथा, मां शूलिनी के दरबार में भी लगे जयकारे

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन (Chaitra Navratri 2022) हिमाचल प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में अपना शीश नवाया. राजधानी शिमला के प्रसिद्ध मंदिर कालीबाड़ी, तारादेवी समेत सोलन के मां शूलिनी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने माथा टेका और माता रानी से आशीर्वाद ग्रहण किया.

Chaitra Navratri 2022
चैत्र नवरात्रि का पहला दिन

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Published : Apr 2, 2022, 3:52 PM IST

शिमला/सोलन: राजधानी में शिमला में चैत्र नवरात्रों के (Chaitra Navratri 2022) पहले दिन मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ उमड़ी. सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में शीश नवाया. शहर के प्रमुख मंदिर तारा देवी, कालीबाड़ी, संकट मोचन और जाखू मंदिर में सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की.

शिमला के कालीबाड़ी मंदिर की बात करें (Devotees visit in Kalibari temple) तो यहां भी काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां के सामने अपनी हाजिरी भरी. मंदिर के पुजारी ने सभी को चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं और कहा कि कोरोना काल के बाद इस तादाद में श्रद्धालु मां के दर्शन करने मंदिर पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि श्रद्धालु अच्छे से माता के दर्शन कर आशिर्वाद ले सकें इसके लिए उचित प्रबंध किए गए हैं.

नवरात्रि के अवसर पर HRTC चला रहा अतिरिक्त बसें-नवरात्रि के अवसर पर हिमाचल पथ परिवहन निगम की ओर से विशेष तौर पर बसों की अतिरिक्त सुविधा दी गई है. इसमें विशेष तौर पर तारादेवी व संकट मोचन मंदिर के लिए स्पेशल बसें चलाई जा रही है. यह बसें शिमला ओल्ड बस स्टैंड से चलाई जा रही हैं.

सोलन में मां शूलिनी के दरबार में भी लगा श्रद्धालुओं का तांता-पहले नवरात्र पर माता शूलिनी के दरबार में भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई. सूर्य उदय होने से पहले ही (Devotees visit in Shoolini Temple) श्रद्धालु कतारों में लग कर माता शूलिनी का आशीर्वाद लेने पहुंच गए थे. भक्तों ने बड़े ही श्रद्धा भाव से माता शूलिनी के चरणों पर माथा टेक कर आशीर्वाद लिया और मंगल भविष्य की कामना भी की.

न केवल सोलन बल्कि दूर-दूर के क्षेत्रों से भी भक्त मां का आशीर्वाद लेने पहुंचे. सभी भक्तों की आस्था है कि शूलिनी माता से जो भी सच्चे मन से कामना करता है वह पूरी होती है, कोई भी भक्त यहां से खाली हाथ नहीं जाता है. यही वजह है कि नवरात्रों में माता का आशीर्वाद लेने के लिए भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं.

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