शिमला: ओलावृष्टि और भारी बारिश(Heavy rain) के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय टीम (central team)शिमला पहुंच गई. टीम के सदस्यों ने आज प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की और उसके बाद ग्राउंड रिपोर्ट बनाने के लिए रोहड़ू, रामपुर, सिरमौर के लिए गई. टीम दो दिन यहां पर मुआयना करने के बाद मुख्य सचिव हिमाचल (Chief Secretary Himachal)सरकार के साथ बैठक करेगी. इसके बाद टीम यहां से रवाना हो जाएगी और केंद्र के समक्ष अपनी तैयार की गई रिपोर्ट सौंपेंगी.
जिसके बाद हिमाचल को केंद्र से पैसा जारी होगा.निदेशक आपदा प्रबंधन विभाग सुदेश कुमार मोख्टा(Sudesh Kumar Mokhta) ने कहा कि दिल्ली से टीम शिमला पहुंच गई, जोकि ओलावृष्टि के दौरान हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए रवाना हो गई. टीम दो दिन तक फील्ड में रहेगी, लोगों से बातचीत करेगी और उस आधार पर रिपोर्ट तैयार करेगी. इसके अलावा टीम मुख्य सचिव के साथ बैठक भी करेगी. प्रदेश में ओलावृष्टि से 275 करोड़ और बारिश से किसानों और बागवानों को 1151 करोड़ का नुकसान हुआ है. जिसको लेकर हिमाचल सरकार ने केंद्र से सहायता राशि की मांग की. इसके अलावा हिमाचल सरकार ने अपने स्तर पर स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों से भी नुकसाने के जायजा लेने के आदेश दिए थे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर(Chief Minister Jai Ram Thakur) ने सितंबर महीने में कहा था कि केंद्र से जब टीम हिमाचल आएगी तो उसके सामने बरसात से हुए नुकसान का अनुमान रखा जाएगा, ताकि केंद्र की तरफ से उचित सहायता मिल सके.
प्रदेश में इस बार बरसात से भारी नुकसान हुआ.सभी जिले के डीसी को बरसात से हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाने के बोला गया, ताकी जब केंद्र से टीम आए तो उनके सामने नुकसान की रिपोर्ट रखी जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि आम तौर जब बरसात समाप्त होत तो केंद्र की टीम हिमाचल आती है. इसके बाद बरसात से हुए नुकसान का आकलन उनके द्वारा किया जाता है. प्रदेश सरकार भी इनके सामने रिपोर्ट पेश करती है. इस टीम के माध्यम से केंद्र के समक्ष नुकसान की रिपोर्ट पेश करते हैं. हिमाचल में बरसात के कारण विद्युत प्रोजेक्ट्स(power projects) को भी भारी नुकसान पहुंचता. इस बार भी इस प्रकार की शिकायत प्राप्त हुई. प्रदेश सरकार इस बारे में भी केंद्र के समक्ष रिपोर्ट पेश करेगी, ताकि उचित मुआवजा प्रदेश सरकार को मिल सके.
इस बार अधिकारियों द्वारा प्रदेश सरकार को सौंपी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बेमौसमी बर्फबारी और ओलावृष्टि से बागवानी को 280 करोड़ का नुकसान हुआ.अप्रैल महीने में व्यापक बर्फबारी व ओले गिरने से बागवानी विभाग ने 254 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन किया. सबसे अधिक नुकसान सेब की फसल को हुआ है. जिला शिमला के नारकंडा, ठियोग, चौपाल और कोटखाई के इलाकों में अप्रैल में 6 से 8 इंच बर्फ गिरी. कई स्थानों पर ओले भी गिरे. असामयिक बर्फबारी व भारी ओलावृष्टि से सेब के पेड़ टूटने से भी बागवानों को भारी क्षति पहुंची.
दरअसल प्रदेश के सेब बहूल क्षेत्र में बर्फ जनवरी में गिरती थी, लेकिन इस बार अप्रैल के तीसरे हफ्ते में गिरी. साथ ही भारी ओलाबारी भी हुई, जिससे नुकसान और बढ़ गया. बागवानी विभाग द्वारा किये गए नुकसान के आंकलन को किसान संघर्ष समिति ने नाकाफी बताया था. उनके अनुसार बर्फबारी-ओलाबारी से बागवानी को हुआ वास्तविक नुकसान 280 करोड़ से कहीं अधिक है. उन्होंने कहा था कि प्रदेश मे अकेले सेब की करीब 70 प्रतिशत फ़सल बर्फ़बारी व भारी ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई और एक फौरी अनुमान के अनुसार करीब 2000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान बागवानों को हुआ. वहीं, जानकारी के मुताबिक सोलन जिले के लिए गठित टीम ने पीयूष रंजन डायरेक्टर केंद्र वाटर कमीशन की देख रेख में ब्लॉक कंडाघाट की सेंज पंचायत व बसाल गांव में जाकर ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन किया.
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