शिमला: युवा अनुराग ठाकुर को पहले तो वित्त राज्यमंत्री बनाया गया और फिर एलीवेट कर कैबिनेट रैंक दिया गया. यही नहीं, तेजी से बदलते समय में सबसे अहम सूचना व प्रसारण मंत्रालय दिया गया. युवा सेवाएं व खेल विभाग तो खैर है ही. इस समय अनुराग ठाकुर जन आशीवार्द यात्रा के लिए अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में हैं. पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारियों सहित अनुराग ठाकुर के समर्थक बहुत उत्साह में हैं. जगह-जगह अनुराग ठाकुर का जोरदार स्वागत हो रहा है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक गलियारों सहित आम जनता के मन में भी सहज ही ये सवाल उमड़ रहा है कि क्या हिमाचल में जन आशीष का अनुराग लेकर आने वाले समय में हिमाचल की राजनीति का ठाकुर बनने जा रहा है ये छोकरा?
आइए, इस सवाल के कारणों और परिणाम की पड़ताल करते हैं. अनुराग ठाकुर इस समय केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के अहम हिस्से के तौर पर सूचना प्रसारण मंत्रालय संभाल रहे हैं. हिमाचल में जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री की भूमिका में है. ये नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने विधानसभा चुनाव पूर्व रैली में जयराम ठाकुर को जिताने की अपील करते हुए कहा था कि जीतने पर उन्हें बड़ा पद दिया जाएगा. यही नहीं, साथ में ये भी जोड़ा था कि हिमाचल में अब भाजपा की सरकार पांच साल के लिए नहीं बनानी.
ये सरकार कम से कम पंद्रह साल के लिए होनी चाहिए. चूंकि हिमाचल में भाजपा की विजय के बाद हाईकमान ने ही जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री चुना है, लिहाजा उन्हें इस पद से इतर कोई और भूमिका देने के लिए कोई बड़ा कारण होना चाहिए. फिलहाल, हिमाचल की राजनीति में ऐसा कोई कारण नहीं दिखता है. अलबत्ता, भविष्य की परिस्थितियां कब करवट लें, इस पर भी निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.
वरिष्ठ पत्रकार और हिमाचल सहित देश की राजनीति की गहरी समझ रखने वाले हेमंत कुमार कहते हैं. अनुराग ठाकुर ने अपनी प्रतिभा से खुद को साबित किया है और पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतर रहे हैं. अनुराग ठाकुर कॉरपोरेट कल्चर की गहरी समझ रखते हैं. क्रिकेट की दुनिया में अपनी प्रबंधन क्षमता के कारण ही वे ऊंचे पदों पर पहुंचे. हेमंत कुमार का मानना है कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह व हाईकमान के प्रभावी चेहरों ने अनुराग ठाकुर को स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ाया.